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________________ [ २१ -१. १६७ ] पढमो महाधियारो सत्तो उवरिमभागे णवाणुत्तरओ होति एक्करज्जूवो । एवं उवरिमलोए रज्जुविभागो समुद्दिढ ॥ ११२ णियणियचरिमिंदयधयदंडगं कप्पभूमिअवसाणं । कप्पादीदमहीए विच्छेदो लोयविच्छेदो ॥ १६३ सेढीए सत्तंसो हेट्ठिमलोयस्स होदि मुहवासो । भूमीवासो सेढीमत्ताभवसाणउच्छेहो ॥ १६४ मुहभूमिसमासमद्रिय गुणिदं पुण तह य वेदेण । घणघणिदं णादब्वं वेत्तासणसण्णिए खेत्ते ॥ १६५) हेट्ठिमलोए लोओ चउगुणिसगहिदो विदफलं' । तस्सद्धे सयलजुगो दोगुणिदो सत्तपरिभागो ॥ १६६ छेत्तूणं तसणालि अण्णत्थं ठाविदूण विदफलं । आणेज तप्पमाणं उणवण्णेहिं विभत्तलोयसमं ॥ १६७ भागमें पूर्ण होता है । बाद एक राजुकी उंचाईमें नौ ग्रैवेयक, नौ अनुदिश और पांच अनुत्तर विमान हैं। इसप्रकार ऊर्ध्वलोकमें राजुका विभाग कहा गया है ॥ १६१-१६२ ॥ अपने अपने अन्तिम इन्द्रक विमानसम्बन्धी ध्वजदण्डके अग्रभागतक उन उन स्वोंका अन्त समझना चाहिये । और कल्पातीत भूमिका जो अन्त है वही लोकका भी अन्त है ॥ १६३ ॥ अधोलोकके मुखका विस्तार जगश्रेणीका सातवां भाग, भूमिका विस्तार जगश्रेणीप्रमाण, और अधोलोकके अन्ततक उंचाई भी जगश्रेणीप्रमाण ही है ॥ १६४ ॥ रा.१। ७ । ७। मुख और भूमिके योगको आधा करके पुनः उंचाईसे गुणा करने पर वेत्रासनसदृश लोक ( अधोलोक ) का क्षेत्र-फल जानना चाहिये ॥ १६५ ॥ १+ ७२ ४७ = २८ रा० क्षे. फ. लोकको चारसे गुणा करके उसमें सातका भाग देनेपर अधोलोकके घनफलका प्रमाण निकलता है, और सम्पूर्ण लोकको दोसे गुणा कर प्राप्त गुणनफलमें सातका भाग देनेपर अधोलोकसम्बंधी आधे क्षेत्रका घनफल होता है ॥ १६६ ॥ ३४३ x ४ ७ = १९६ रा. अ. लो. का घ. फ. ३४३ ४२ ७= ९८ रा. अर्द्ध अ. लो. का घ. फ. अधोलोकमेंसे त्रसनालीको छेदकर और उसे अन्यत्र रखकर उसका घनफल निकालना चाहिये । इस घनफलका प्रमाण, लोकके प्रमाणमें उनचासका भाग देनेपर जो लब्ध आवे उतना होता है ॥ १६७ ॥ रा. ७४१४१ = ७ अ. लो. त्र. ना. का घ. फ.= ३४३ * ४९ =७। १ द मेत्ता अ उच्छेहो. २ द ब समासमद्दिय. ३ द सगहिदो य विंद. ४ ब तस्सद्धे सलयजुदागो, दब सत्तपरिमाणो. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001274
Book TitleTiloy Pannati Part 1
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorA N Upadhye, Hiralal Jain
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1956
Total Pages598
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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