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८४० ८४१
८५२
[४७] विषय गाथा विषय
गाथा वनभूमि
८०३ । समवसरणमें रोगादिकका अभाव ९३३ नाटयशालायें
८१५ ऋषभादि तीर्थंकरोंके यक्ष तृतीय वेदी
८१७ तीर्थकरोंकी यक्षणियां ध्वजभूमि
। केवलिकाल तृतीय शाल ८२७ गणधरसंख्या
९६१ कल्पतरुभूमि
Lषभादि तीर्थंकरोंके आद्य गणधर ९६४ नाटयशालायें
८३८ ऋद्धिसामान्यके व बुद्धिऋद्धिके भेद ९६८ चतुर्थ वेदी
बुद्धिऋद्धिके अठारह भेदोंका स्वरूप ९७२ भवन भूमि
विक्रियाऋद्धके भेद व उनका स्वरूप १०२४ स्तूप
८४४ क्रियाऋद्धिके भेद व उनका स्वरूप १०३३ चतुर्थ शाल
८४८
तपऋद्धिके भेद व उनका स्वरूप १०४९ श्रीमण्डप
बलऋद्धिके भेद व उनका स्वरूप १०६१ गणविन्यास
८५६
औषधिऋद्धिके भेद व उनका स्वरूप १०६७ पंचम वेदी
८६४
रसऋद्धिके भेद व उनका स्वरूप १०७७ प्रथम पीठ
८६५
क्षेत्रऋद्धिके भेद व उनका स्वरूप १०८८ द्वितीय पीठ
८७५
तीर्थंकरोंके ऋषियोंकी संख्या १०९३ तृतीय पीठ
८८४
ऋषभादि तीर्थंकरोंके सात गण व गन्धकुटी
८८७
उनकी पृथक् पृथक् संख्या १०९८ सिंहासनोंसे चार अंगुल ऊपर
ऋषभादि तीर्थकरोंकी आर्यिकाओंकी ___ अरहन्तोंकी स्थिति
संख्या चौंतीस अतिशय
८९६ मुख्य आर्यिकाओं के नाम
११७८ आठ महाप्रातिहार्य एक एक समवसरणमें जिनवन्दनामें
श्रावकोंकी संख्या
११८१ प्रवृत्त हुए विविध जीवोंकी संख्या ९२९
श्राविकाओंकी संख्या
११८३ कोठोंके क्षेत्रसे जीवोंके क्षेत्रफलके - प्रत्येक तीर्थमें देव-देवियों तथा अन्य
असंख्यातगुणित होने पर भी जीवोंमें ____ मनुष्यों और तिर्यंचोंकी संख्या ११८४ परस्पर अस्पृष्टता
९३०
ऋषभादि तीर्थंकरोंके मुक्त होनेकी समवसरण में बालकप्रभृतिका प्रवेश
तिथि, काल, नक्षत्र और साथमें | निर्गमनप्रमाण
९३१ __मुक्त हुए जीवोंकी संख्याका निर्देश १९८५ समवसरणमें न पहुंचने वाले जीवोंका ऋषभादिक तीर्थंकरोंकी योगनिवृत्ति १२०९ निर्देश
९३२ । ऋषभादि तीर्थंकरोंके मुक्त होनेके आसन १२१.
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