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विषय
गाथा
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१४८
[३९] गाथा
विषय त्रिलोकप्रज्ञप्तिके नौ महाधिकारोंका निर्देश ८८ उनके संकत लोकाकाश व उसमें स्थित पांच
प्रतरांगुल, जगप्रतर, घनागुल, लोक और __ द्रव्योंका निर्देश
राजुका प्रमाण व उनके संकेत १३२ उपमामानके आठ भेद
लोकका स्वरूप पल्यके तीन भेद व उनकी उपयोगिता ९४ लोकाकाश व अलोकाकाशका स्वरूप १३४ स्कन्ध, देश, प्रदेश और परमाणुका
लोकके अधोलोक, मध्यलोक और लक्षण
९५ ऊर्ध्वलोक, इन तीन भेदोंका प्रकारान्तरोंसे परमाणुके लक्षण
निर्देश व दृष्टान्तद्वारा उनकी परमाणुमें पुद्गलत्वनिरूपण
आकृातका निरूपण
१३६ प्रकारान्तरसे परमाणुका स्वरूप १०१
तीनों लोकोंका आकार उत्तरोत्तर अष्टगुणित उवसन्नासन्नादि
लोककी लंबाई, चौड़ाई और __स्कन्धोंका निरूपण
१०२
उंचाईका निरूपण अंगुलके तीन भेद व उनका लक्षण १०७
अधोलोक, मध्यलोक और ऊर्ध्वउत्सेधांगुलका प्रयोजन
११०
लोककी पृथक् पृथक् उंचाई प्रमाणांगुलका ,
१११
अधोलोकमें रत्नप्रभादि सात पृथिआत्मांगुलका ,
वियाका निरूपण
१५२ पाद, वितस्ति, रिक्कु ( किष्कु ), दण्ड, कोस और योजनका प्रमाण
रत्नप्रभादिकक गोत्रनाम
१५३ ११४ एक योजन विस्तृत समवृत्त गर्तका
रत्नप्रभादिक पृथिवियोंमें राजुविभाग १५४ क्षेत्रफल व घनफल लाने के लिये
सौधर्मादिक कल्पोंमें व उनके परिधि व क्षेत्रफल निकालनेकी विधि ११६ __ ऊपर राजुविभाग
१५८ उद्धारपत्यक निमित्तभूत व्यवहार
कल्पभूमियोंकी सीमा
१६३ पल्यमें भरे हुए रोमोंकी संख्या ११९ अधोलोकके मुख व भूमिका विस्तार व्यवहारपल्योपम कालका प्रमाण १२५ तथा उंचाई
१६४ उद्धारपल्योपम कालका प्रमाण १२६ अधोलोकके घनफलके लानेका विधान १६५ उद्धारपल्यसे द्वीप-समुद्रोंकी संख्या १२८ पूर्ण अधोलोक व उसके अर्धभागके अद्धारपल्योपम कालका प्रमाण व
घनफलका प्रमाण उससे मनुष्यादिकों और कर्मोंकी
अधोलोकमें त्रसनालीका घनफल १६७ स्थितिका परिज्ञान
१२८ त्रसनालीसे रहित और उससे सहित सागरोपम कालका प्रमाण १३० अधोलोकका घनफल
१६८ सूच्यंगुल व जगश्रेणीका प्रमाण तथा
ऊर्ध्वलोकका आकार
११२
१६६
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