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________________ २१४ ] तिलोयपण्णत्ती [४.५७५ पणलक्खेसु गदेसु णवयसहस्साधिएस वासाणं । णमिणाहुप्पत्तीदो उप्पत्ती मिणाहस्स ॥ ५७५ ५०९०००। पण्णासाधियलस्सयचुलसीदिसहस्सवस्सपरिवत्ते । मिजिणुप्पत्तीदो उप्पत्ती पासणाहस्स ॥ ५७६ ८४६५०। भट्टत्तरिमधियाए बेसदपरिमाणवासअदिरित्ते। पासजिणुप्पत्तीदो उप्पत्ती णस्स ॥ ५७७ वा २७८ । एवं जिणाणं ( समय-)तरालप्पमाणमाणंदकरं जणस्स । कम्मग्गलाई विहडाविदूण उग्घाडए मोक्खपुरीकवाडं ॥ ५७८ । उप्पत्ती सम्मत्ता। उसहादिदससु भाऊ चुलसीदी तह बहत्तरी सट्ठी । पण्णासतालतीसा वीसं दसदुइगिपुवलक्खाई॥ ५७९ आदिजिणे पुन्ध ८४०००००। अजिय पुव्व ७२०००००। संभव पुन्व ६००००००। अहिणंदण पुन्च ५०००००० । सुमह पुब्व ४००००००। पउमप्पह पुत्व ३०००००० । सुपासणाह पुटव २००००००। चंदप्पह पुग्व १०००००० । पुष्फदंत पुब्व २००००० । सीयल पुन्व १००००० । नमिनाथकी उत्पत्तिके पश्चात् नौ हजार अधिक पांच लाख वर्षोंके व्यतीत होनेपर भगवान् नेमिनाथकी उत्पत्ति हुई ॥ ५७५ ॥ ५०९०००। नेमिनाथ तीर्थंकरकी उत्पत्तिके पश्चात् चौरासी हजार छहसौ पचास वर्षोंके व्यतीत होनेपर भगवान् पार्श्वनाथकी उत्पत्ति हुई ॥ ५७६ ॥ ८४६५० । भगवान् पार्श्वनाथकी उत्पत्तिके पश्चात् दोसौ अठत्तर वर्षोंके बीत जानेपर वर्धमान तीर्थकर अवतीर्ण हुए ॥ ५७७ ।। व० २७८ । लोगोंको आनंदित करनेवाला यह तीर्थंकरोंके अन्तरालकालका प्रमाण उनकी कर्मरूपी अर्गलाको नष्ट करके मोक्षपुरीके कपाटको उद्घाटित करता है ।। ५७८ ।। उत्पत्तिका कथन समाप्त हुआ। __ वृषभादिक दश तीर्थंकरोंकी आयु क्रमशः चौरासी लाख पूर्व, बहत्तर लाख पूर्व, साठ लाख पूर्व, पचास लाख पूर्व, चालीस लाख पूर्व, तीस लाख पूर्व, बीस लाख पूर्व, दश लाख पूर्व, दो लाख पूर्व और एक लाख पूर्वप्रमाण थी ॥ ५७९ ॥ ऋषभ पूर्व ८४ लाख । अजित पूर्व ७२ लाख । संभव पूर्व ६० लाख । अभिनन्दन पूर्व ५० लाख । सुमति पूर्व ४० लाख । पद्म पूर्व ३० लाख । सुपार्श्व पूर्व २० लाख । चन्द्रप्रभ पूर्व १० लाख । पुष्पदन्त पूर्व २ लाख । शीतल पूर्व १ लाख । १द ब अदिरित्तो. २ब कम्मणिगलाई. ३ द ब विहदाविदूण उग्घाडमोक्खस्स पुरीकवाडं. ४द बिहत्तरी. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001274
Book TitleTiloy Pannati Part 1
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorA N Upadhye, Hiralal Jain
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1956
Total Pages598
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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