________________
-४.५४५]
चउत्थो महाधियारो
[२०९
• सीहपुरे सेयंसो विण्हुणरिंदेण वेणुदेवीए । एक्कारसिए फग्गुणसिदपक्खे सवणभे जादो ॥ ५३६ चंपाए वासुपुज्जो वसुपुज्जणरेसरेण विजयाए । फग्गुणसुद्धचउद्दसिदिणम्मि जादो विसाहासु ॥ ५३७ कंपिल्लपुरे विमलो जादो कदवम्मजयस्सामाहिं । माघसिदचोइसीए णक्खत्ते पुव्वभपदे ॥ ५३८ जेट्टस्स बारसीए किण्हाए रेवदीसु य अणतो । साकेदपुरे जादो सवजसासीहसेणेहि ॥ ५३९ रयणपुरे धम्मजिणो भाणुणरिदेण सुम्वदाए य । माघसिदतरसीए जादो पुस्सम्मि णक्खत्ते ॥ ५४० जेट्टसिदबारसीए भरणीरिक्खाम्म संतिणाहो य । हत्थिणउराम्म जादो अइराए विस्ससेणेण ॥ ५४१ तत्थ च्चिय कुंथुजिणो सिरिमइदेवीसु सूरसेणेण । वइसाहपाडिवाए सियपक्खे कित्तियासु संजणिदो ॥ ५४२ मग्गसिरचोदसीए सिदपक्खे रोहिणीसु अरदेवो । णागपुरे संजणिदो मित्ताए सुदरिसणावणिंदेखें ॥ ५४३ मिहिलाए मल्लिजिणो पहवदिए कुंभअक्खिदीसेहिं । मग्गसिरसुक्कएकादसीए अस्सिणीए संजादो ॥ ५४४ रायगिहे मुणिसुव्वयदेवो पउमासुमित्तराएहिं । अस्सजुदबारसीए सिदपक्खे सवणभे जादो ॥ ५४५
भगवान् श्रेयांस सिंहपुरीमें पिता विष्णु नरेन्द्र और माता वेणुदेवीसे फाल्गुन शुक्ला एकादशीके दिन श्रवण नक्षत्रमें अवतीर्ण हुए ॥ ५३६ ॥
वासुपूज्य भगवान् चम्पा नगरीमें पिता वसुपूज्य राजा और माता विजयासे फाल्गुन शुक्ला चतुर्दशीके दिन विशाखा नक्षत्रमें उत्पन्न हुए ॥ ५३७ ।।
भगवान् विमलनाथ कंपिलापुरीमें पिता कृतवर्मा और माता जयश्यामासे माघशुक्ला चतुर्दशीके दिन पूर्वभाद्रपद नक्षत्रमें उत्पन्न हुए ॥ ५३८ ॥
भगवान् अनन्तनाथ अयोध्यापुरीमें माता सर्वयशा और पिता सिंहसेनसे ज्येष्ठकृष्णा द्वादशीको रेवती नक्षत्रमें अवतीर्ण हुए ॥ ५३९ ॥
धर्मनाथ तीर्थंकर रत्नपुरमें पिता भानु नरेन्द्र और माता सुव्रतासे माघशुक्ला त्रयोदशीके दिन पुष्य नक्षत्रमें उत्पन्न हुए ॥ ५४० ॥
भगवान् शान्तिनाथ हस्तिनापुरमें माता ऐरा और पिता विश्वसेनसे ज्येष्ठ शुक्ला द्वादशीके दिन भरणी नक्षत्रमें उत्पन्न हुए ॥ ५४१॥
कुन्थुनाथ जिनेन्द्र हस्तिनापुरमें माता श्रीमतीदेवी और पिता सूर्यसेनसे वैशाख शुक्ला प्रतिपदाको कृत्तिका नक्षत्रमें अवतीर्ण हुए ॥ ५४२ ॥
. भगवान् अरनाथ हस्तिनापुरमें माता मित्रा और पिता सुदर्शन राजासे मगशिरशुक्ला चतुर्दशीके दिन रोहिणी नक्षत्रमें अवतीर्ण हुए ॥ ५४३ ॥
मल्लिनाथ जिनेन्द्र मिथिलापुरीमें माता प्रभावती और पिता कुम्भसे मगसिरशुक्ला एकादशीको अश्विनी नक्षत्रमें उत्पन्न हुए ॥ ५४४ ॥
भगवान् मुनिसुव्रत राजगृह नगरमें माता पद्मा और पिता सुमित्रराजासे आसोजशुक्का द्वादशीके दिन श्रवण नक्षत्रमें उत्पन्न हुए ॥ ५४५ ॥
१द धसुपुजो. २६ववम्मजाद. ३दव सुव्वलाए अं. ४द महिलाए. ५दब कुंथुअ. क्खिदीसेहिं.६द एकादसिए.७द अस्सिणीजदा एसं.
TP. 27
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
.www.jainelibrary.org