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तिलोयपण्णत्ती
[ २. १५९
रयणादिछतं नियणियपुढवीण बहलमज्झादो । जोयणसहस्सजुगलं भवणिय सेसं करिज्ज कोसाणि ॥ १५९ णियणियइंदय सेढीबद्धाणं पइण्णयाण बहलाणि । नियणियपदरपवण्णिदसंखागुणिदाण लद्वरासी य ॥ १६० पुव्विल्लय रासीणं मज्झे तं सोहिऊण पत्तेक्कं । एक्कोणणियणियिंदेयचउगुणिदेणं च भजिदव्वं ॥ १६१ लद्बो जोयणसंखा नियणिय णेयंतरालमुढेण । जाणेज परद्वाणे किंचूणयरज्जुपरिमाणं ॥ १६२ सत्तमखिदीय दहले इंदयसेढीण बहलपरिमाणं । सोधिय दलिदे हेमिउयरिमभागा हवंति एदाणं ॥ १६३ पढमबिदीयवणीणं' रुंद सोहेज एक्करज्जूए । जोयणतिसहस्सजुदे होदि परद्वाणविश्ञ्चलं ॥ १६४
रत्नप्रभा पृथिवीको आदि लेकर छठी पृथिवीपर्यन्त अपनी अपनी पृथिवीके बाहल्य में से दो हजार योजन कम करके शेष योजनोंके कोस बनाना चाहिये ॥ १५९ ॥
अपने अपने पटलोंकी पूर्ववर्णित संख्या से गुणित अपनी अपनी पृथिवीके इन्द्रक, श्रेणीबद्ध और प्रकीर्णक के बाहल्यको पूर्वोक्त राशिमेंसे, अर्थात् दो हजार योजन कम विवक्षित पृथिवीके बाल्यके किये गये कोसोंमेंसे, कम करके प्रत्येकमें एक कम अपने अपने इन्द्रकप्रमाणसे गुणित चारका भाग देने पर जो लब्ध आवे उतने योजनप्रमाण अपनी अपनी पृथिवीके इन्द्रकादि बिलों में ऊर्ध्वग अन्तराल जानना चाहिये । इसके अतिरिक्त परस्थान अर्थात् एक पृथिवीके अन्तिम और अगली पृथिवीके आदिभूत इन्द्रकादि बिलोंमें कुछ कम एक राजुप्रमाण अन्तराल समझना चाहिये ॥ १६०-१६२ ॥
प्र. पु. के इन्द्रकोंका अन्तराल—--
द्वि. प्र. के
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पृथिवीका बाहल्य
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८०००- १. =
( ८०००० - २००० ) x ४ - ( १ × १३ ) ( १३ - १ ) x ४ = ७८००० x ४ - १३ ४८
X ,, (३२००० - २०००) ४ - ( ३ × ११ )
८०००
=
= ६४९९५ यो.
( ११ - १ ) x ४
यो. इत्यादि.
= २९९९
सातवीं पृथिवीके बाहल्यमेंसे इन्द्रक और श्रेणीबद्ध बिलोंके बाहल्यप्रमाणको घटाकर अवशिष्ट राशिको आधा करनेपर क्रमसे इन्द्रक और श्रेणीबद्ध बिलोंके ऊपर-नीचे की पृथिवीकी मुटाईका प्रमाण निकलता है ॥ १६३ ॥
=
३००००x४ -
४०
• ३९९९३ यो. सातवीं पृथिवीके इन्द्रक बिलके नीचे और ऊपरकी
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= ३९९९६ सा. पृ. के श्रेणीबद्ध बिलोंके ऊपर-नीचे की पृथिवीका बाहल्य.
एक राजुमेंसे पहिली और दूसरी पृथिवी के बाहल्यप्रमाणको कम करके अवशिष्ट राशिमें तीन हजार योजनोंके मिलानेपर प्रथम पृथिवीके अन्तिम और द्वितीय पृथिवीके प्रथम बिलके मध्य में परस्थान अन्तरालका प्रमाण निकलता है ॥ १६४ ॥
१ दणियणिइदय ं, ब ंणियणिय इंदय २ द 'तराणमुड्ढेण, व तराणमुट्टेण. ३ द ब पढमखिदीयवणीणं.
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