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बिंदुओ महाधियारो
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. बत्तीस लक्खाणि छस्सयसोलससहस्सछासट्टी । दोणि कला तिविहत्सा वासो तणइंदए होदि ॥ १२२
३२१६६६६।२।
इकतीसं लक्खाणि पणुवीससहस्सजोयणाणि पि । मणइंदयस्स संदं णादव बिदियपुढवीए ॥ १२३
३१२५०००। तीसं विय लक्खाणि तेत्तीससहस्सतिसयतेत्तीसा । एक्ककला बिदियाए वणइंदयरुंदपरिमाणं ॥ १२४
३०३३३३३ ।।
एकोणतीसलक्खा इगिदालसहस्सछसयछासट्ठी । दोणि कला तिविहत्ता घार्दिदयणामवित्थारो ॥ १२५
२९४१६६६ । २। अट्ठावीसं लक्खा पण्णाससहस्सजोयणाणिं पि । संघातणामइंदयवित्थारो बिदियपुढवीए ॥ १२६
२८५००००। सत्तावीस लक्खा अडचण्णसहस्सतिसयतेत्तीसा । एक्ककला तिविहत्सा जिभिर्दयरुंदपरिमाणं ॥१२७..
२७५८३३३।।
... तनक नामक द्वितीय इन्द्रकका विस्तार बत्तीस लाख सोलह हजार छहसौ छयासठ योजन और एक योजनके तीन भागोंमेंसे दो भागप्रमाण है ॥ १२२ ॥
३३०८३३३३ - ९१६६६३ = ३२१६६६६३ । ___ द्वितीय पृथिवीमें मन नामक तृतीय इन्द्रकका विस्तार इकतीस लाख पच्चीस हजार योजनप्रमाण जानना चाहिये ॥ १२३ ॥ ३२१६६६६३ -- ९१६६६३ = ३१२५०००।
द्वितीय पृथिवीमें वन नामक चतुर्थ इन्द्रकके विस्तारका प्रमाण तीस लाख तेतीस हजार तीनसौ तेतीस योजन और योजनका एक तृतीय भाग है ॥ १२४ ॥
३१२५००० - ९१६६६२ = ३०३३३३३३ । घात नामक पंचम इन्द्रकका विस्तार योजनके तीन भागोंमेंसे दो भागसहित उनतीस लाख इकतालीस हजार छहसौ छयासठ योजनप्रमाण है ॥ १२५ ।। ..
३०३३३३३३ - ९१६६६१ = २९४१६६६३ । द्वितीय पृथिवीमें संघात नामक छठवे इन्द्रकका विस्तार अट्ठाईस लाख पचास हजार योजनप्रमाण है ॥ १२६ ॥ २९४१६६६२ - ९१६६६३ = २८५००००।
जिल नामक सातवें इन्द्रकके विस्तारका प्रमाण सत्ताईस लाख अठ्ठावन हजार तीनसौ तेतीस योजन और एक योजनके तीसरे भागप्रमाण है ॥ १२७ ॥
२८५०००० - ९१६६६३ = २७५८३३३ ।
१ द लक्खाणं पुणुवीस'. २ द व पण्णरस. ३ द ब दिमिदय.
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