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________________ पाठान्तराणि क,ख तुज्झ रिवू, अइगारव त्ति वहइ २२ हत्य ६२ धारासएहि ६३ यं अदरिसं र क ६५ हत्यं धयाइकयसोहं जे ६५ पि हु दि . , ६६ फणमणि ६६ निक्खित्तं ६७ चितइ विणा क.ख 14 १५ १५ ३. कावि ३१ जणसंसय। ३४ विभीसणो ३४ हणुवो ३४ कुहाडेणं ३५ सेसे वि ३५ सएस जोहेउ त समाढत्ता 'गयं सहस्सारं । " ३७ परभवमुकय परभवसुक्कयक,ख इय ब° इति नाम पव्वं पव्वं ॥ नाम पत्र सम्मत्तं उद्देश-७२ २३ खेयरेहि य, , २३ पइसामिह २३ किं वा बहुएण भ° ., २३ बहुतहि भ क ख २६ रुज्झतं पि २९ सुत्तु व्व ख सत्तु व्व २९ त्थो ब जे,क,ख ३० संपिल्लुपेल्ल __क ३२ आपुच्छिउँ पवत्ता क,ख ३३ तुभं ३४ भागसेसस्स । एक्कारसीय दिवसे जे ३५ पूर्वार्धगाथा जे प्रया ३३तम गाथा पश्चात् ३५ उज्जो वेळ जे सते ३५ भाj जे ३५ किण्ण ., चन्दो मुवेइ संमत्तं उद्देश-७३ १ सुरभि क,ख ४ नहथिया ४ वामिस्सं ७ साहिन्ति ७ सहिओ य मिहिलम्मि ,, १० होहइ दिय १० गती। १० वि होइ ११ पलोएंतो १३ रामस्स कणिठेणं इतं विणियागयों , १३ विणयगच्छजोएणं क १४ रेहि, रिबुसिन्नं तं दिसा क,ख १६ यं । पुणरवि अनं सीसं विजाए तक्खणं चेव ॥ १७ सु दोसु वि, १७ दुगुणे दुगुणे क १८ दोणि य जु १८ बाहाई २० असिचक्रकणयतो° क १३ को एत्थ मोक कारस्थ मों जे,ख १३ पडिउद्धा काएत्थ जे,क,ख उरताडण क,ख 'चञ्चला तणुइ अंगी, १५ लुम्पमाणा १५ रुवा १५ कलुणसद्दणं जे १६ वच्छयले १६ पल्लवा १. सुमरण रोवती वाहभरियन १८ सत्तिकित्तिबल ,, १९ पिव दे क.स १९ देहि मे समुल्लावं जे वयणिदु इमं सामिय कि चारसि जे २० वयणं दुमियं सामिय मु अह ते २२ वयरीहि २२ मोपह राहवाओ गुण बहुवाण दरिसणं चिय देहि २४ °ग्गिदूमियाई क, २४ अणुगूह . जे २४ साणुरूवेणं २५ डहन्ति क,ख २५ चडयंक कारणाणि बहू । २७ रुवसु लोगवृत्त २८ विचेट्टियं जे,क,ख २९ इमावस्था ३० ण वहिय ! ३१ सोग क,ख ३२ अभिदमणो परिवसए ३२ रिसेनं २३ नाम पर संमत्तं एकेकमे वयणं ।। जे पक्कक्किम वयण. २ च्वं, चक्कं ब° क, ३ विहना ४ पते म . सवत्था जे १० सुहक डुया १२ भो, सो हं सं° क,ख १२ करेमि मु,क,ख १२ पडिगए जे १३ रावणं सवडिहुतं, १३ एंतो क,ख १४. तुह प° मु १४ एण ज पह सीयं क,ख ण, जपसु सी° जे १५ समपन्तो १५ माणभंडेणं १६ अवगण्णेऊण जे,क,ख १८ तुज्झ अ° जे जीवंतयरी क,ख १९ बहुएण भासियब्वेण ,, ,, १९ तुझ अरी, जे,मु उद्देश-७४ क.ख २ विलविउं पत्तो क,ख ४ हियकर ४ तालिओ विह, ९ सिरिमती ९ ससिदत्ता ९ कणयनिभा कणयाभा १० मिगावति १. पउमा च सुंदरा विय क.जे ११ रइलोला १२ साहसीओ १२ केसाओ भ सराण " १८ ३० ण लक्वणोभणाधी क,ख Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001273
Book TitlePaumchariyam Part 2
Original Sutra AuthorVimalsuri
AuthorPunyavijay, Harman
PublisherPrakrit Granth Parishad
Publication Year2005
Total Pages406
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Literature, Story, & Jain Ramayan
File Size11 MB
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