SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 315
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पाठान्तराणि SA:::: 15 ५९ पर 1585 जे,क,ख १३३ सुरवरिन्द जेख १६० किरिण जे १३३ बंदिणमणुघुट्ठजय १६. जुवतीओ १३. पत्तो य वरुज्जाणं १६. लायष्णवेसाओ १३५ 'पुत्तसयलपरियंतं , १६१ 'रा वि तस्य उ, वि,, १३६ नमोकारं १६२ समिद्धि १३६ चउहिं १६२ करेंति १३६ सहस्सेहि __, १६२ विउल च १३६ पत्तो जइणं(य जिणो) मु १३७ विबाउहो उद्देश-४ १३९, चउहि _ 'रो साणं १३९ सहस्सेहि १ नयरामर' १४० केइत्य १ जुवलो ११. बीइए ५ चामरादीणि १४. छम्मा जे,ख ६ केएत्थ १४. 'भडेहि रयणादिम १४२ गेण्हन्ति . सुन्दरीओ १४२ अम्बरयल 'तलच्छो १४४ पासे पत्ता ११ जुबल' १४४ नमिविन मि १३ सुरभिगन्धो १४५ परियार १३ कुसुमेहि १४६ जुयाणे १४ दुन्दुभिषण १४६ दो वि जणे १४ गभीर १४८ पभू पवरपुरिस १४९ विजाओ अणे १७ घातिक्खपण १५१ उबिटो १८ उप्पण्णम्मि १५१ पणवीसा जेब १८ तहेय १५१ उभयतो जे १८ विउलं १५२ , सेढी मु २. समणुप्पत्ती १५३ तिरसेढीए समुप्पत्ती १५३ नाम विक्खायं , २० उवइट्ठा १५३. नमि विक्खायं पंचअणुब्वय '१५३ बहुजणवयमडिथ जे, २४ सत्तहि १५. किन्नरादीणं २४ सिक्खावएहिं १५४ रिसाइ व णय ख २४ ऊ देस १५५ ओयणेहि सिंहरटुं जे २५ लभइ जे १५५ उम्भासित सुरमणुएपरम १५७ नगर २५ अहम्मेण १५८ रो मणहरवणेण होइ जह बीव १५८ ण पज्जलिओ २७ विह तवं जे २७ विकिट्ठ जे,क,ख hiilihat: 4 २७ करेंति ५१ परिसहभडेहि २७ अण्णाणिया ५१ उत्तिम २७ विह कि ५२ ब सयलसङ्गो २८ मणभवंती ५३ महाभागा २८ परिममन्ता ५५ तवबलेण जे,क,ख पउंति ३. सव्वजीवाणं ५६ समिद्धि ३. धम्मरयण ५६ देखलोगम्मि ३१ वरविहिय ५. देवलोगसमा जे,क,ख ३१ णा सुइया ५७ गहवइणो . जे मुईया धचिंधछत्ताण क,ख ३२ केएत्थ क ख १ थलयरयणवासा जे जे,क,ख ६२ रजविभूई ३३ सुरवरवसहा जे.क ख,मु ६४ 'महुरेहि रोगाइवि' जे ६६ सव्वजीवं ३५ चउरासीइंतु ने,क,ख ६७ निसुणेह चउद्दस मु ६७ माहणुप्पत्ती चोइस जे क,ख ६८ इ सस ३७ भगवओ ६९ करीय ३७ सए व देहे ६९ णं ते नि ३७ देहे य निग्वेक्खं क,ख ३८ णाम सा । ७२ वयणे .. एत्तो तक्ख ___ ७२ णा विगयमोहा तकमिलपुरि ७३ अण्णपाणाई तक्कसि ७३ अन्नपाणाई ५२ णं वयंततूराणं ७६ कागिणि १२ टि. १ प्रवृत्तम् ७६ ण पुणो न ५५ समभिडियं ७७ एत्थं ४४ तत्तो य चक्खु ७७ कयस्थ तुम्हे भुवयासु ७८ भणियं, में "वि वयासु क जिणवरेहि भ लग्गा, दो वि जणा ७८ एकमणे नि एकमेक्क दिढदप्पा। जे ८. धेयं ति । अट्ठयडिप्रत्तब ८. भासणमेत १६ जुज्झन्त स कस भासणमेत्ते जे ४९ मविरोह अण्णेसु य स व हिसंति ५. नासेंनि जे ८१ विमोहेन्ति , ५० देविड्ढीं वयणमेव ५१ मुत्तुं । ८३ तेणवि नि ५१ एव्हिं ८४ सयले चिय जे,क,ख ४५ 2048:4149 0.25 0.1558 १५ १५ 5: Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001273
Book TitlePaumchariyam Part 2
Original Sutra AuthorVimalsuri
AuthorPunyavijay, Harman
PublisherPrakrit Granth Parishad
Publication Year2005
Total Pages406
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Literature, Story, & Jain Ramayan
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy