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________________ ADDENDA परिशिष्ट १ से ६ का वृद्धिपत्र भहसालवण ९२.२५ मंडलियाउजाण १०३.१५. महिंदग्दय-उजाण ९३.१% १.६.१५ महिंदोदय-उजाण ९२.१५ परिशिष्ट-४ (क) अंगय (अंगद) ८२.१.१ तुडिय (त्रुटित) ८२.१०४ स्त्री १. व्यक्तिविशेष नाम जैन आगमांग १११.२३ भारिसवेय जैन आगम शाम (आर्षवेद) ११.७५ चंडरवा एक शक्ति ६३.२१ जियारि देखो अजिअ (२) ११.२१ पुब्बसुय. पूर्वश्रुत-जैनशान ११४.२३ भहकलस राम का कंचुकी ९३.८ भाणुसवण देखो भाणुकण्ण ८.८९ महप्पा आठवें कुलकर ५.५५ वियड्ढा विहीसण की स्त्री ७७.16 विसाह भंडारी २९.११ वेदशास्र ११.७९,८. देखो आरिसवेय सिरिविक्ख एक भट ..४ सुमंगला-५ राजा दसरह की माता २८.७. हरिणकेसि । इन्द्र का सेनापति १.१..., हरिणेगवेसि । १.१.७१ परिशिष्ट-२ (२) मायुध चंडरवा (अधि). (९) अन्य अंगसुय पुव्वसुय आरिसवेय वेय (२७) राजपरिवार (1) इक्वाकु पुरुष जियारि सुमंगला (२) राक्षस स्त्री भाणुसवण वियड्दा परिशिष्ट-३ (क) अरिजयपुर-१ ५.१.९ , -३ १३.३५: ५८.१२ वेय धूल (घूक) १.५.५९ परिशिष्ट-६ देश्य शब्द आमेल-गुच्छ [१.६२ ] ११७.२९ ओत्थय=खिन [१.१५१] ९३.३. खुमक्षुल्लक [२.७४ ] १.१.३२ गहिलिय-उन्मत्त १३.१३ चेल्लअ-शिष्य,बाल [३.१.] ९७.१३ छानविद्युत् [३.२४ ] (छटा) ९६.१५ रहरय=शिशु [१.८] (दहर) ८९.५ णिहुत-निमम ११६.५, ६ बीवियाम्म्याधमृगी (५.५३) १.३.२. गवंग बहुवाइया ९८.६२ कुबेर ८६.३३ कुसुमामोउजाण ८२.५ परमुजाण १५.११ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001273
Book TitlePaumchariyam Part 2
Original Sutra AuthorVimalsuri
AuthorPunyavijay, Harman
PublisherPrakrit Granth Parishad
Publication Year2005
Total Pages406
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Literature, Story, & Jain Ramayan
File Size11 MB
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