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(५) अन्यचक अयल (अवरविदेह मैं
(२) बलदेव
१ अयल २ विजअ
३ भद्द
४ सुप्पभ
५ सुदंसण, सुदरिसण ६ आनंद
२ दुविट्टु
३ सर्वभू
४ पुरियोसम
५ पुरिससीह
(५) प्रतिवासुदेव
१ आसग्गीव
२ तारग
३ मेरग
४ निम
५ महुकेड-ढ
कोडिसिला
निवाणसिला
आवलि
(४) वासुदेव
१तिषिद्धतियुद्ध ६ पुरिसत्रर पुंडरीय
७ दत्त
८ नारायण
९ कण्ह
श्रमण
अइभूड़
अजगुप्त
अनंतचल
अणतविरिअ
अमयरस
अभियग
अरिदमण
यहि
तिहुणानंद (हरीकविजयमें)
अणयार
अणिलललिअ
अप्पमेयबल
अभयसेण
अभिनंदण
७ नंदण
८ पउम णाभ, गाइ, - नाभ-, नाह.
पउमाभ, राम
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९ राम
(३४) शिलाविशेष
सिद्धिसिला
६ बलि
७ पल्हाअ
८ रामण, रावण
९ जरासंधु, सिंधु
सखिज
(३६) श्रमण-क्षमणी
कमल गब्भ
(३५) शिव
(ससि
कल्लाणगुणधर
कित्ति
कित्तिधर
कुलभूषण
खेमंकर
गंगदत्त
गयणचंद
गुणमिहि
गुणसायर
घणरह
घोसण
चंदमुह
चित्तारिक्ख
२. प्रथम परिशिष्ट के वर्ग-विशेष
मुणिमुहम्म
रइवेग
जयमंत
जयमित्त
जसद्दर
जसोहर
जुइ
जुगंधर
डामरमुणि
तिगुप्ति
तिलयसुंदर
तिर्लिगसम
दमधर
दुमसेण
देवभूष
धणमित्त
धम्मरयण
नंद
नंदजइ
नंदण
नंदिवद्धण
मेदिसुमित
नागमोड
निव्वाणसंगम
पयापाल
पत्रण वेग
पव्यय अ
पियमित्त
पिडियासम
पीतिकर
पुणब्वसु
पुरिसवसभ
पोलिय
महावरिय
भवदत्त भुवणसोह
भूयसरण
मइवद्धण
साहु
मरोड़
महाबल
मुणिवरदत्त
राहू
लच्छीहर
ललियमित्त
बहदसोग
वज्जदत्त
वजनाभ
वज्जसेण
वरधम्म
वसभ
वसुंधर
वसुभुइ
विगयमोह
वितगुप्त
विजअ
विजयसेण
विण्डु
विदुदुमाम
विमल
सूरि-विम
विमलमुि
विमलवाण
विसमूह
संख
संजयंत
संभव
संभूअ
संवर
सत्तहिअ
सत्थाअ
समाहिगुत्त
समुद्रमुनि
सयपभ
सयल जणभूसण
सयलभूसण
सव्वगुत्त
सव्वजणाणंदयर
सव्वभूयसरण
सम्बभूयदिव
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सव्वसप्तहिअ
सव्वगुत्त
सबसे दर
सागरदत्त
सायरघोस
सिद्धत्थ
सिरिचंद
विरिति
सिरिमंत
सीमंधर
सीह
सीइसेण
सकेउ
सुगुत्ति
सुदरिसण
सुधम्म
सुनंद
सुप्पभगुरु
सुप्पह
सुबल
सुभाणुनाम
श्राषक
अरहदत्त
अरहदास
जिणदत्त
विजयदत्त
कयंत
सुमित
सुयसागर
सुयसायर
सुरमंत
सुवण्णकुंभ
सुव्वय
सुव्वयमुणि
सुब्बयरिसि
एरावण किविधिदंड
सूरिविमल
सूरोदय
सेयंस
हरिमंडल
(३७) श्रमणशाखा
माइलकूलवंश
(३८) आवक आविका
सिरिदास
सिद्धि
सुनंद
श्रमणी
अणुद्धरा
अरिकंता
इंदमालिणी
कमलकंता
पुहईसचा
लच्छीमई
संजमसिरी
सिरिमई
श्राविका
रोहिणी
(३९) सारचि
सुमइ
(४०) सेनापति हरिणगमेसि
(४२) इस्तिनाम
तेलोकमंडणं] भुवणालकार
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