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________________ सुव्वंत सुव्वय - १ ,,-3 ,,-३ सुठयमुणि सुन्यरिसि सुव्वया सुसम्मा सुसार सुसे सुसेल सुदमइ सुहाधार सूर-१ १-२ "३ 11999 ६ ارد 4790 2-99 Jain Education International राक्षसवंशीय राजा ५.२६१ देसी मुणि ३३. ५६ मुणिसुब्वय का पुत्र २१. २३.२७ मुनि ११४.७,१५.२२ मुनि आठ बलदेव के गुरु २०.२०६ मुनि, तीसरे वलदेव के पूर्वभवगुरु २० १९२ धम्म जिन की माता २०.४१ ब्राह्मण कविल की स्त्री ३५.४८,६४, ७३ वानरभट ५९.३८ वानरभट ८ २७४ ५४. ३४:५९.३२,३६:६२.३०; ७१.८, ३८; ७६.२३: ७९.२३ वानरभट ५७.१२ कोउयमंगल के राजा केकर्ड के पिता २४. २,२० कोमुईनयरी का राज ३९.१०० इक्ष्वाकुवंशीय राजा ५.६ राक्षसवंशीय राजा ५.२६३ कुंज के पिता २०.४३ सीया स्वयंवर में उपस्थित राजा २८.१०२ राक्षसभट ५६.२८. वानरभट ५७.४.१८ वानरभट ५७.५ वानरभट ६७.९ दाशरथी भरद्द - सह दिक्षीत राजा ८५.३ राजपुत्र ८८.१६ दाशरथी राम का सहायक राजा ९९.५० सूरंजयकुमार सुरकमला सरखेयरिंद सुरदेव - १ सूरदास सूरिविमल सूरोदय सूलधर सेण सेणा १. व्यक्तिविशेषनाम सेणिय राजकुमार, दसरह का पूर्वजन्म नाम ३१. १५, ३०-३२ वानर किकिंधि की पुत्री ६.२१५ लोकपाल कुबेर के पिता ७.४५ मिस का राजा ५५.३५ दाशरथी राम की प्रजा का अगुआ ९३.१७ देखो रविभास १४.४ पउमचरिय के रचयिता ११८.११८ ( देखो विमलर ) मरी का शिष्य, भुषणालंकार का पूर्वजन्मनाम ८२.२५, २८, ११६, ११९ दाशरथी राम की प्रजा का अगुआ ९३.१७ विद्याधरवंशीय राजा ५.१५ संभव जिन की माता २०.२९ मगह का नरेश, देखो मगहनराहिव १ ३४; २. १५; ४. ९० ५. ६४. २५८, ७.५३.१३४, १४३: ९.१,११,४५, १२.९, ३५: १५.८, २०. ३, १६, २८, ३५, १०५ १६०. १६८, १९५,२०२२१.१, ३४; २६.७३,८८,२७. ३; २८. १३७ ३० ९८, ३१. २; ३५.२७:४३. ८,४८. १३, ३२, ५३. ८४ ५६. ११; ५८.३, १८:६३. १४ ६४. १६६.१५: ६९.५६ ७१. १७,४१,६४,७२.१५, २६६ ७३.२६,३३,७५.२९,७७. ५६, ६०, ११४; ८०. २ ८२.१,६०,११३ ८५. १; ८८.३,३८, ४०, ४२; ८९. ४१९१२ ९७ १९९. ५१,५६, ७३: १०१. ५४; १०४.२६,३१; १०५.१८, ११३;१०९.४; १११.१ For Private & Personal Use Only सेयंस- १ " -२ " -३ सोदास सोम-१ 23 -२ सोमदेव टोमण्यम सोमवंस सोमसुवयण सोमिति - १ " -२ ३७ ग्यारहवें तीर्थंकर १.३:५. १४७; ६.९०; ९.९३,२०. ५,३७,१९८६९५.३४ गयपुर का राजा, जिन उस को प्रथम पारणा करानेवाला ४.२.१२ मुनि चौबे वायदे के पूर्वभवगुरु २०.१७६ इक्ष्वाकुवंशीय राजा, देखो सीहसोदास २२ ७१, ७२.९०,९१,९३ विद्याधर लोकपाल ७३७, ३८४०, ४३ चौथे वासुदेव के पिता २०.१८२ गंधावई का पुरोहित ४१.४५ सालिग्गाम का ब्राह्मण १०५.२०, ३३, ७१ सोमवंश प्रवतक बाहुबलि का पुत्र ५.१०, ११ एक वंश का नाम ५.२, १३;९५६४ राक्षसभट ५६.३६ देखो सुमिता और कई २२. १०८; ३२.३६ ८२. ८११८.४२ - पुस ३८५७; -सुअ २७.३० ५९. ७३; ७२. ३: १०३. १३९, १६२ = लक्खण दसरह का द्वितीय पुत्र - ३१.७२, ११०, १२५: ३२. ४९३३. १७, १८: ९२,९५, १०३, ११३;३४. १,५;३५. १३, १६; ३६. २०, २७, २८, ३८. २०, ४६,४८,५० ५५:३९.११, ३५:४०.८, १२, १५: ४१. ४४२. ३५४३.२८, ४४. १३.१७,३९,४१: ४७. ७, ३३,४८,४८.७, १०; ५४. १४५५. ४९ ५७. २० ५९८०६१.४५, ६२,६३. १,७,११:६४. ४५:६५.५० www.jainelibrary.org
SR No.001273
Book TitlePaumchariyam Part 2
Original Sutra AuthorVimalsuri
AuthorPunyavijay, Harman
PublisherPrakrit Granth Parishad
Publication Year2005
Total Pages406
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Literature, Story, & Jain Ramayan
File Size11 MB
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