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शत-शत वन्दन
तुम अभिनव युग के नव विधान, रूढ़ बन्धनों के मुक्ति गान,
हे युग-पुरुष,
हे युगाधार, अभिवन्दन है, शत-शत वन्दन ! ज्ञान - ज्योति की ज्वलित ज्वाला,
आत्म
साधना का उजाला,
हे मिथ्या - तिमिर अभिनाशक, अभिवन्दन है, शत-शत वन्दन ! तुम नव्य नभ के नव विहान, नयी चेतना के अभियान,
श्रमण-संस्कृति के अमर - गायक, अभिवन्दन है, शत-शत वन्दन ! अतीत युग के मधुर गायक, के हो अधिनायक,
अभिनव युग
नूतन - पुरातन युग - शृंखला, अभिवन्दन है, शत शत वन्दन ! तू पद - दलितों का क्रान्ति - घोष, अबल - साधकों का शक्ति - कोष,
हे क्रान्ति - पथ के महापथिक, अभिवन्दन है, शत शत वन्दन !
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काव्य - साहित्य
१. अमर पद्य मुक्तावली
३. अमर कुसुमाञ्जलि
५. संगीतिका
७. अमर माधुरी ६. जिनेन्द्र-स्तुति
११. सत्य हरिश्चन्द्र
२. अमर पुष्पाञ्जलि ४. अमर गीताञ्जलि
६. कविता - कुञ्ज
८. जगद्गुरु महावीर १०. धर्मवीर सुदर्शन
१२. श्रद्धाञ्जलि
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