________________
(2) संकल्प-विकल्पजन्य आकुलता-व्याकुलता मिटती है। (3) तनाव (Tension) मिटता है। (4) हीनभाव (Depression) मिटता है।
(5) निराशा, कुण्ठाएँ मिटती हैं वैकुण्ठ (स्वर्गीय) सुख का अनुभव होता है। 3. बौद्धिक लाभ
(1) सही सोचने की शक्ति प्रकट होती है। (2) निश्चिन्तता की अनुभूति होती है। (3) चिन्तन का अन्त अचिन्तता में होता है। (4) निर्णय करने की शक्ति बढ़ती है। (5) अन्तर्द्वन्द्व मिटता है। (6) विवेक जाग्रत होता है। (7) अनिष्ट अवांछित विचारों से मुक्ति मिलती है।
66. कायोत्सर्ग
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org