SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 16
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ माध्यम से प्रकाशन कार्य को सम्पन्न करवाने में विशेष उत्साह व रुचि लेते रहे हैं। आपकी प्रेरणा के फलस्वरूप यह पुस्तक प्रकाशित हुई है। इसके लिए मैं मेहता साहब का आभार एवं कृतज्ञता प्रकट करता हूँ। आचार्यप्रवर श्री सुदर्शनलालजी म.सा. ने इस पुस्तक का अवलोकन कर सुझाव दिये जिससे पुस्तक को सर्वांगपूर्ण व सुन्दर बनाने में सहयोग मिला। इसके लिए मैं आचार्यश्री के प्रति कृतज्ञता प्रकट करता हूँ। डॉ. सागरमल जैन ने भूमिका लिखी, श्री रणजीतसिंह कूमट (सेवानिवृत्त आई.ए.एस.) ने इसका सम्पादन किया, प्राकृत भारती अकादमी ने इसे प्रकाशित किया, डॉ. धर्मचन्द्र जैन, श्री टीकमचन्द हीरावत, श्री संजय अग्रवाल और श्री गौतमचन्द जैन ने सहयोग दिया; इन सबका मैं आभार प्रदर्शित करता हूँ। -कन्हैयालाल लोढ़ा 82/141 मानसरोवर जयपुर 302020 प्राक्कथन 15 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001217
Book TitleKayotsarga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Lodha
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2007
Total Pages132
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Principle
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy