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प्रमाणप्रमेयकलिका सिद्धान्तसारसंग्रहमें दी गयी गुर्वावलो' :
धर्मसेन
शान्तिषण
गोपसेन
भावसेन
जयसेन
ब्रह्मसेन
वीरसेन
गुणसेन
नरेन्द्रसेन अतः जयसेनको चौथी पीढ़ी में होनेवाले ये नरेन्द्रसेन यदि जयसेनसे. जिनका समय वि. सं. १०५५ निश्चित है, १००-१२५ सौ-सवासौ वर्ष बाद होते हैं तो इन नरेन्द्रसेनका समय वि. सं. ११५५-११८० के लगभग सिद्ध होता है। ये नरेन्द्रसेन मेदार्य (मेतार्य) नामके दशवें गणधरके नामपर प्रसिद्ध मेदपाट-मेवाड़ भूमिके अन्तर्गत 'लाडवागड' प्रदेशसे निकले 'लाडवागडसंघ'के विद्वान् थे और उपर्युक्त दोनों नरेन्द्रसेनोंसे भिन्न एवं उत्तरवर्ती हैं।
४. चौथे नरेन्द्रसेन वे हैं, जिनका उल्लेख काष्ठासंघके 'लाडवागड१. देखिए, वही प्रशस्तिसं० पृ० १०३, १०४ । २. देखिए, वही प्रशस्ति सं० पृ० १०३, १०४ ।
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