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प्रथमं परिशिष्टम् ।
७७
३४ देवसेण
_ १५७ दुब्भिगंध
|दुयावत्तं
विशिष्टशब्दाः सूत्राङ्काः | विशिष्टशब्दाः सूत्राङ्काः | विशिष्टशब्दाः सूत्राङ्काः दिट्ठिवाय ४६, ८८, १३६ | दुभगणाम २५ (१), देवसम्म
१५८ दिट्ठिविपरियासियादंडे १३ (१)
२८ (१), ४२ | देवसहस्स दिण्ण ___ १५७ | दुभिक्खं
१५८ दिण्णे
२२ (१) देवाउए
३१ (१) दिप्पमाणा १५८ दुम १८ (३) देवाणंद
१५८ दियलोगचुताभासिया ४४ दुमपत्तयं
३६ | देवाणुपुव्वीणामं २८ (१) दिया बंभयारी ११ (१) दुमसेण
१५८ | देवाणुभावं दिवढं १०१
१४७ | देवासुर-नाग-सुवण्णदिवड्डखेत्तिया
४५ दुरभिगमदुरोवगाह १४५ जक्ख-रक्खस-किंनरदिवस
१२ (१) दुवालसंग, १ (२), १३६, | किंपुरिस-गरुल-गंधव्वदिवसखेत २७ (१), ७८, ९८
१३९, १४८ महोरगा
३४ दिव्वं
१० (१) दुवालसमुहुत्तिया १२ (१) | देवासुरमाणुस १४४ दिसा १६ (१), ७६, १४९ दुवालसविह १२ (१) देवाहिदेव २४ (१) दिसासोवत्थियं २० (३) दुवालसावत्ते
१२ (१) देविंद ३२ (१), ६०, ७० दीव १० (२), २३ (२), दुविडू
१५८ देविडिं
१० (१) ३० (१), ७६, १४९ दुस्सरनामं २८ (१), ४२ देवी
१५७, १५८ दीवभूता १३७ दुहविवाग
३० (१) दीवायण
२१ (१) | देवोववाए
१५८ दीहदंत १५८ दूसमदूसमा
(१) | देसकहा
४ (१) १५७, १५८ देवई
| देसोधी
१५२ दीहवेयड्ड ३४, ५० देवउत्त
१५८ | दो
२ (१) दीहवेयपव्वय २५ (१), १०० देवकुरु
१५७ | दोच्च-चउत्थ-पंचमदुओणयं १२ (१) | देवकुरु-उत्तरकुरिया ५३ | छट्ठ-सत्तमासु ३९ दुगुंछा २१ (१), २६ (१) | देवकुरु-उत्तरकुरु ४९ दोच्चा १ (६), २ (३), दुगुणं १४७ | देवगति
२८ (१) ३ (३), २५ (१), ८६, १४९ दुतारे
२ (२) | देवगतिनाम २८ (१) दोभाकरं दुद्धरा १५८ | देवजुतं
१० (१) | दोमासिया १२ (१), २८ (१) दुपडिग्गहं १४७ | देवठ्ठाण
२४ (१) दोस दुपमज्जितचारि २० (१) देवदंसण १० (१) | दोसबंधण २ (१) दुपवेसं १२ (१) | देवलोगगमण १४१, १४२, धंसिया
३० (१) दुप्पय
१४६, १४७ | धंसेई
३० (१)
१४६ / देवे
१५८
दूसम
दीहबाहु
१८
५२
३४
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