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________________ पृष्ठ .... .... १६.२०. विषय - गद्य/पध-क्रमांक गभंस्थ-जीव नरकों में उत्पत्ति ..... .... २६ गर्भस्थ जीव की देवलोकों में उत्पत्ति गर्भस्थ जीव का माता के समान स्वभाव .......... २८-३३ पुरुष, स्त्री, नपुंसक आदि की उत्पत्ति गर्भ का निर्गमन .... .... ३७ उत्कृष्ट गर्भवास काल ..... .... ३८ गर्भवास का स्वरूप और विविध रूप ........ ३९-४४ सौ वर्ष की आयु के मनुष्य की दस दशाएँ.... .... ४५-५८ दस दशाओं में सुख-दुःख विवेक और धर्म साधना का उपदेश ........ ५९-६३ अन्तराय बहुल जीवन से पुण्यकृत करूण उपदेश यौगलिक, अर्हत्, चक्रवर्ती आदि की देह ऋद्धि ...... .... ६५-६८ सम्प्रतिकालीन मनुष्यों की देह, संहनन आदि की हानि और धर्मजन प्रशंसा .... .... ६९-७५ मनुष्य की सौ वर्ष आयु, सौ वर्ष विभाग और आहार परिमाण आदि समय आदि काल परिमाण का स्वरूप ........ काल परिमाण निवेदक घटिका यन्त्र विधान विधि ....... ८७-९२ वर्ष के मास, पक्ष और रात-दिन का परिमाण दिन, रात, मास, वर्ष और सौ वर्ष के .... उच्छ्वास परिमाण ...... ९४-९८ .... .... २२-२८ २८ ३०-३४ ८२-८६ ३४ ३४-३६ ३६-३८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001142
Book TitleAgam 28 Prakirnak 05 Tandul Vaicharik Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Suresh Sisodiya, Sagarmal Jain
PublisherAgam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan
Publication Year1991
Total Pages114
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_tandulvaicharik
File Size6 MB
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