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सिद्धहेमचन्द्राभिधशब्दानुशासने
एक्कहिं' अक्खिहिं' सावणु अन्नहिं भद्दवउ माहउ महिअल - सत्थरि गण्डत्थलि' सरउ' । अंगिहिं' गिम्ह' सुहच्छी - तिल - वणि मग्गसिरु तहे मुद्धहे मुह - पंकइ " आवासिउ सिसिरु" ॥ २ ॥ हिडा " फुट्टि तडत्ति करि कालक्खेवें" काई" । देख" हय - विधि कहिं" ठवइ परं विणु दुक्ख - सयाई ॥ ३ ॥
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यत्तत्किभ्यो ङसो डासुर्न वा ॥ ३५८ ॥
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अपभ्रंशे यदूतदूकिम्' इत्येतेभ्योऽकारान्तेभ्यः परस्य उसो डासु" इत्यादेशो वा भवति ॥
कंतु " महारउ हलि सहिए निच्छई" रूसइ जासु ।
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अत्थिहिं" सत्थिहिं” हत्थिहिं" वि ठाउ" वि फेडइ तासु ॥ १ ॥ जीविउ" कासु न वल्लह" धणु पुणु" कासु न इहु | दोणि वि अवसर - निवडिअइं" तिण - सम ̈ गणइ विसिहु ||२||
स्त्रियां रहे ।। ३५९ ॥
अपभ्रंशे स्त्रीलिंगे वर्तमानेभ्यो यत्तत्किंभ्यः परस्य ङसो डहे इत्यादेशो वा भवति ॥
ज र " । त केरउ । कहे केरउ ||
1 एकहिं AB. 2 अंखिहि A, अंखिहिँ BD. 3 महियलि A. 4 गण्डत्थले V.. 5 सत्थर A.. 6 अंगहिं CDP. 7 गिम्हु CP. 8 मागुसिरु C. 9 at P. 10 महपंकइ B. 11 सिसिर A. 12 हिडा BC. 13 कालक्खेव A, कालक्खेवं P. 14 कांइ A. 15 देक्खउ A, देक्खहुं C 16 कहि A. 17 यत्तत्किम् V. 18 भ्योकारांतेभ्यः AB. 19 डसेर्डा A. 20 कन्तु V. 21 निच्छए A, निच्छएं BD. 22 अत्येहिं AD, अत्यहिं P 23 सत्थेहिं A, सत्थहिं P. 24 हत्थेहिं A, हत्थहिं P. 25 ठाउं C. 26 जीविय A, जीवीउ B, जीविउं 27 A. 28 पुणB. 29 °निवडियाई A वडिआई B, ° वाडिया इं°
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30 सम्व AD, सर्वं P.
31 उंT.
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