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श्री अनुयोगद्वारसूत्रस्य द्वितीयविभागस्य तृतीयं परिशिष्टम्
२
.
कयं
मूलशब्दः सूत्राङ्कादि | मूलशब्दः सूत्राङ्कादि | मूलशब्दः
सूत्राङ्कादि कम्मयसरीरा ४१७ करिरए
२९१ कहं ५७[५],६०४गा.१३४ ०कम्मयसरीरा ४२०[३] | करेत्ता
२० कहा
२६२[५]गा.७० कम्मस्स २४० काति
२१,२७,२८ कहिं १०४[१-३],१२१, कम्माई ५२० करोडि
३२१] १४८[१],१८९,४७५,५२५[१], कम्माणं ५४६गा.१२५ करोति
३१२
६०४ गा. १३४ कम्मे ३०२गा.९२ कलहप्पिया २६०[५]गा.३७ |
४९१ कम्हा १४,१५[५],३५, | ०कलंबा
२९६ | कंचि
४५०,४७५ ५७[५],३६६,४७६,४८२, कलंबो
२९६ कंठ २६०[१०]गा.४९ ४८३[५],५२५[३],६०० / ०कलाओ
४९ | कंठ-० कयरम्मि ११३[१],१३०,१५७ | कलाहिया २६०[५]गा.३४ | कंठुग्गतेण
२६० कयरे ११४[१],१५८[१] कलिं २६२[७]गा.७५ | कंठोट्ठविप्पमुक्कं १४,६०५ कयरे २५३,२५५ कलुणो २६२[१]गा.६३, कंडाणं
३६० कयरेहिंतो ११४[१],१५८[१]] २६२[९]गा.७८,२६२[९] | कंपण २६२[८]गा.७७ २६०[५]गा.३२, | ०कलुसं २६२[७]गा.७५ | कंबलाणं
५७३ २६१गा.६०,४६२,४६६ कलं
२०,२१ का
२६०[१०]४३ कया २६१गा.५७,२६१ कल्लाल०
२६७ / ०काईए
२३७ गा.६०,४९२४]गा.१२
कवाड ___४९२[२] गा.११९ / ०काइयाणं
३८५[२] करग ३२१ कवाडएहिं ४९२[२] काई
४४१गा.११५ करगचित ३२५ कविहसिया २४९ काउलेसे]
२३७ करण २६२[६]गा.७२ कविं
२७१गा.८४ | काउस्सग्गो
७४ करणम्मि २६१गा.५७, कव्व०
२६२[१], | काक०
४६६ २६१गा.६०
२६२[१०]गा.८२ काकस्सरं २६०[१०]गा.४७ ०करणीओ २६२[६]गा.७३ |कसाय
२२५ | काकेण
४६६ २८ | कसायरसणामे
२२२ कागणिरयणे करिसा
३२२ कसाया २५३,२५५,२५७,२५९ | कागणी करिसावणा ३०१,४४९ ०कसायी
२३७ कागणी-०
३२८ करिसावणाणं ४५० | कसिणखंधे ६५,६६ कागणीओ
३२८ करिसावणे ४५०कसिणं
४७६ | कागो करिसावणो ३०१,४४९ कसिणा ४५३गा.११८ | काणण
३३६ करिसो ३२२ | कस्स
६०४गा.१३४ काणा २६०[११]गा.५५ करिस्सामि ३६६,५०८ कहगाणं
८० | काणि
२०९गा.१७
०करणे
३५८ ३२८
२९९
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