SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 398
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अनुयोगद्वारसूत्रम् [ सू० २३३-२५९] खइए पारिणामियनिप्पन्ने ८ । कतरे से णामे उवसमिए खओवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने ? उवसंता कसाया खओवसमियाइं इंदियाइं पारिणामिए वे, एस सेणा उवसमिए खओवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने ९ । कतरे से णामे खइए खओवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने ? खइयं सम्मत्तं खओवसमियाई इंदियाई पारिणामिए जीवे, एस णंसे णामेखइए खयोवसमिए 5 पारिणामियनिप्पन्ने १० । ६८ ६९ [सू० २५६ ] तत्थ णं जे ते पंच चउक्कसंयोगा ते णं इमे - अत्थि णामे ? उदइए उवसमिए खड़ए खओवसमनिप्पन्ने १, अत्थि णामे उदइए उवसमिए खइए पारिणामियनिप्पन्ने २, अत्थि णामे उदइए उवसमिए खयोवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने ३, अत्थि णामे उदइए खइए खओवसमिए 10 पारिणामियनिप्पन्ने ४, अत्थि णामे उवसमिए खइए खओवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने ५ । २८३ ७१ ७३ [सू० २५७] कतरे से णामे उदइए उवसमिए खइए खओवसमनिप्पन्ने उदत्ति मणूसे वसंता कसाया खइयं सम्मत्तं खओवसमियाई इंदियाई, एस ? सेणा उदइ उवसमिए खइए खओवसमनिप्पन्ने १ । कतरे से नामे 15 उदइए उवसमिए खइए पारिणामियनिप्पन्ने ? उदए त्ति मणूसे उवसंता कसाया खइयं सम्मत्तं पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे उदइए उवसमिए खइए पारिणामियनिप्पन्ने २ | कतरे से णामे उदइए उवसमिए खओवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने ? उदए त्ति मणूसे उवसंता कसाया खओवसमियाई इंदियाइं पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे उदइए उवसमिए खओवसमिए 20 पारिणामियनिप्पन्ने ३ । कतरे से नामे उदइए खइए खओवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने ? उदए त्ति मणूसे खइयं सम्मत्तं खओवसमियाई इंदियाई Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001106
Book TitleAgam 45 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Part 01
Original Sutra AuthorAryarakshit
AuthorPunyavijay, Jambuvijay
PublisherMahavir Jain Vidyalay
Publication Year1999
Total Pages540
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, G000, G010, & agam_anuyogdwar
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy