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आ.श्रीजिनदासगणिविरचितचूर्णि - हरिभद्रसूरिविर० विवृति-मल० हेमचन्द्रसूरिविर० वृत्तिभिः समेतम् २६२
[८] अविसेसिए पंचेंदियतिरिक्खजोणिए, विसेसिए जलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिएथलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिए खहयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिए य ।
[९] अविसेसिए जलयरपंचें दियतिरिक्खजोणिए, विसेसिए सम्मुच्छिमजलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिए य गब्भवक्कंतियजलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिए य । अविसेसिए सम्मुच्छिमजलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिए, विसेसिए पज्जत्तयसम्मुच्छिमजलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिए य अपज्जत्तयसम्मुच्छिमजलयरपंचेंदियरितिक्खजोणिए य । अविसेसिए गब्भवक्कंतियजलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिए, विसेसिए 10 पज्जत्तयगब्भवक्कंतियजलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिए य अपज्जत्तयगब्भवक्कंतियजलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिए य ।
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[१०] अविसेसिए थलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिए, विसेसिए चउप्पयथलयरपंचेदियतिरिक्खजोणिए य परिसप्पथलयरपंचेदियतिरिक्खजोणिएय । अविसेसिए चउप्पयथलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिए, 15 विसेसिए सम्मुच्छिमचउप्पयथलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिए य गब्भवक्कंतियचउप्पयथलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिए य । अविसेसिए सम्मुच्छिमचउप्पयथलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिए, विसेसिए पज्जत्तय
सम्मुच्छिमचउप्पयथलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिए य अपज्जत्तय
सम्मुच्छिमचउप्पयथलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिए य । अविसेसिए 20 गब्भवक्कं तियचउप्पयथलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिए, विसेसिए पज्जत्तयगब्भवक्कं तियचउप्पयथलयरपंचें दियतिरिक्खजोणिए य अपज्जत्तयगब्भवक्कंतियचउप्पयथलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिए य ।
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