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________________ १७० ] [ पुरुषार्थसिद्धय पाय mannanananana निश्चय होता है, संशयमें दोनों कोटियोंमें संदेह रहता है, निश्चय किसी कोटिका नहीं हो पाता। अनध्यवसाय इन दोनोंसे भिन्न ज्ञान है, उसमें पदार्थका बोध ही नहीं हो पाता कि क्या है ? अविदित एवं मलिन ज्ञानकी कोटिको अनध्यवसाय कहते हैं । जैसे रास्ता चलते हुये पैरमें किसी तृणादिकका स्पर्श हुआ हो तो वहां यह ज्ञान नहीं होता कि किस वस्तुका यह स्पर्श हुआ है, किंतु कुछ स्पर्श हुआ है, बस इतना ही ज्ञान होता है । इसी मलिन (बिना जानी हुई ) पर्यायको अनध्यवसायज्ञान कहते हैं । ये ज्ञानके तीनों ही रूप मिथ्या हैं । वस्तुस्वरूप से विपरीत हैं। इसलिये जो ज्ञान इन तीनों मिथ्याज्ञानोंसे रहित होता है वही सम्यग्ज्ञान है । यथार्थ वस्तुस्वरूपको ग्रहण करनेवाले ज्ञानको ही सम्यग्ज्ञान कहते हैं । उसी सम्यग्ज्ञानकी वृद्धिके लिये सदा तत्त्वोंके वास्तविक स्वरूपका अध्ययन, मनन, चितवन एवं विचारणा विवेचना आदि करते रहना चाहिये । शास्त्रोंके स्वाध्याय करनेकी तथा उन्हें पढ़नेकी यह पद्धति है किपहले शास्त्रोंको पढ़ना चाहिये, अर्थात् उनके अर्थपर ध्यान देते हुए उनका स्वाध्याय करना चाहिये । फिर उसमें जो जो शंकायें अपनेको मालूम हुई हों उनका समाधान विद्वान् एवं विशेष जानकारोंसे पूछना चाहिये । पीछे, निर्णय करनेके पश्चात् स्वयं उन तत्वोंका मनन और चितवन करना चाहिये । मनन करनेके पश्चात् उन सूत्रोंको अथवा श्लोक या वार्तिकोंको शुद्धरूपमें पाठ करके ध्यानमें रख लेना चाहिये । ध्यानमें रख लेनेसे अथवा उन्हें कंठस्थकर लेनेसे स्वयं भी पदार्थबोधकी धारणा बनी रहती है, और दूसरों के लिये भी प्रमाण दिया जा सकता है। जिससमय पढ़कर, पूछकर मननकर और शुद्ध पाठकर पदार्थस्वरूपका निश्चयात्मक धारणारूप यथार्थ बोध प्राप्त कर लिया जाय, उससमय दूसरोंको धर्मोपदेश देना चाहिये । स्व-परहित-सिद्धि करना ही जीवके जीवनका सार है । स्व-हित साधन करनेके पीछे ही परहित साधन करना श्रेष्ठ एवं कार्यकारी है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001104
Book TitlePurusharthsiddhyupay Hindi
Original Sutra AuthorAmrutchandracharya
AuthorMakkhanlal Shastri
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year1995
Total Pages460
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Principle
File Size11 MB
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