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जैनतर्कभाषागतानाम्
विशिष्टप्रत्यक्ष. २८.
शब्दनयाभास २५.३. विशेषदर्शन ११.२..
शब्दाचल्लेख ४.... विशेषावमर्श १५.७.
शम्दाभास २५.२३. विपाणी २३. १३.
शब्दोल्लेख २. २६४.१२. विसदृश १०.९.
शाब १५. १८१९. वेद .. ४.
शुक्ल २३.... व्यञ्जन (अक्षरश्रुत) ७.३.
शुबद्रव्य २१.... ग्यजन ३.४६,५.२.
श्रुत २. २२, २३, ७.२, ९,२०,२३. २७. व्यअनपर्याय २२.१ ३.
श्रुतनिश्रित २.२६. व्यञ्जनाक्षर ( श्रुत)७.४.
श्रुताननुसारिन् २. २३. म्यञ्जनावग्रह (मति) ३. ३, ६, १२, २८ ४.. श्रतानुसरण २. २८.
२, ५, ७, १९,२३; ५.३, ४, ६.१९. . श्रुतानुसारिव २.२३, २७. ब्यतिक्रम ६.१६.
श्रतानुसारिन् २. २३. व्यतिरेक ६.२०-२२; १०.२६.
असोपयोग ७.५. व्यतिरेकधर्म ५. १५.
श्रोत्र ४.४५. १६. व्यभिचार १४.२०.
संग्रह (नय) २१. १९, २२, ९, १०, १२, ध्यमिचारिन् १४. २२.
२३. २६, २४. २३, २७. १३; २८. ३; व्यवसायिन् १.७.
५-८१० १३. व्यवहार (नय)२१. १९, २२ १३; २३. १९; संग्रहाभास २४.१०. २२:२६:२४.२,४२७.१३२८.३३५,
संग्रहिक (नैगम)२८.४७.
संपूर्णनैगम २६.९. म्यवहार २३.१४.
संबन्ध १२.३ व्यवहाराभास २४. १९; २५. ५.
संबन्ध (कालादिगत) २०. १५, २०, २५, ३०; ध्यापक १०. २९; १९. २०.
२१... ज्यापकानुपलब्धि १७.२५.
संबन्धिन् २०.३.. व्याति. २६:१०. २६:३०.११.१७१०. २२० संयोगिद्रव्यशब्द २३. १२.
१२.१९२५,१३.२४,१६११.२१२२, व्याप्तिग्रह १६.९.
संम्यवहार २.१४. व्यालिग्रहण १६.७.
संशय ५.१० १३. १३, १६.२.. व्यातिज्ञान . १७.६.३;७.
संसर्ग (कालादिगत) २०.१६२३, २४,२१.३. व्याप्य ११.२० १७.१६.
संसर्गिम् २१.३ ४. व्याप्य (हेतु) १६.२० २१.
संसारिजीव २६.३. च्याप्योपलब्धि १७.१०.
संस्कार ५.२३; ६.६;७. व्यावहारिक ५.१०.
संस्कारप्रबोध 8. २४. व्युत्पतिनिमित्त २.१..
संहतपरार्थव १३. २०. शङ्कामात्रविघटक ११. २४.
सकलप्रत्यक्ष. १५. शक्षित १३. ९,१३. १२.
सकलादेश २०.७ ९. शतृशानश् २०...
सङ्कलन. २९ शब्द २३.३.
सकलनात्मक. १०.८ १३.११. ५. शब्द (कालादिगत) २०.१६:२४, २५,२१.४५. सल्ल्या २२. १८२.. शब्द (नय)२१. १९; २२.१८ २३३२३. 143 | सम्झा (अक्षरशुत). .. २४.५६% 3१०.२७.२१.
| सम्शासन्शिसम्बन्ध १०.१२.
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