SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 320
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ६. भाषाटिप्पणगत शब्दों और विषयों की सूची। | अनुपलब्धिसम ( जाति ) ११४.९ अनुपलम्भ ३.३० अनुमान २१.१० अनुमान सर्वसंमत स्वार्थ परार्थरूप द्वैविध्य ०.१६ अनुमिति और अनुमितिकरण ऐसे दो अर्थ अकलङ्क १.११ अकिञ्चित्कर ६७.१० अक्ष २३. २४, २४.१ अक्षपाद १.७ अक्षिगोलककृष्णसार ४०.१५ अचजुर्दर्शन १२८. १७ अज्ञातत्व १.२४ अज्ञाननिवृत्ति ६८.७ अज्ञानवादी २७. २६ अथ २.११ शब्द के अर्थ के विषय में महाभाष्य, शबर, व्यास, शङ्कर, वाचस्पति और हेमचन्द्र के मन्तव्य २.११ अथ प्रमाणमीमांसा १.२१ इसकी रचना के आधार का ऐतिहासिक अव लोकन १. २१ अदृष्टार्थ ( आगम) १८. १२ भदोषोदावन १२२. १६ अधिगतार्थक ११. २४ अनधिगत १४.५; १५ अनध्यवसाय प्रशस्तपादकृत दो भेद १५. ८ हेमचन्द्र १५. १८ अनध्यवसाय १२६. २९ अनध्यवसित ( हेत्वाभास) ६६. १८१०१.१७ अनन्वय ( दृष्टान्ताभास ) १०७. ३; १०८.१४ अनभ्यासदशा १७.२१ अनवस्था ६५. १५ अनसूयक ११६. २७ अनसूयौ ११६.२८ अनित्यवाद ५३. ८ अनित्यसम (जाति) ११४. " भनुक्ति (जाति) ११४. १३ अनुत्पत्तिसम (जाति ) ११३. ३० भनुपलब्धि ८३. ३० प्रत्यक्ष और अनुमान का पूर्वापर भाब १३८.४ अनुमान निरूपण के विषय में तीन युगवैदिक, बौद्ध, नव्यन्याय १३८. २३ वैदिक परंपरा में ही सर्व प्रथम अनुमान का निरूपण १३८. २६ वैशेषिक और मीमांसक का अनुमानद्वैविश्य १३६. ७ न्याय, सांख्य और चरक का अनुमानत्रैविध्य १३६. १२ जैन-आगमिक परंपरा का अनुमानत्रैविध्य १३६ १७ बौद्धों का अनुमानविध्य १३४. २२ दिङ्नागकृत नया प्रस्थान १४०.३ जैन परंपरा पर बौद्धों का प्रभाव १४०. १५ बौद्ध-जैन और ब्राह्मण का संघर्ष १४०.२२ भासर्वज्ञ पर बौद्धों का असर १४०. २७ गंगेशकृत नया प्रस्थान और उसका सर्वशास्त्रों पर प्रभाव १४१.३ जैन यशोविजयजी नव्यन्याय के मर्मज्ञ १४१.१० हेमचन्द्र की विशेषता १४१. १६ श्वेताम्बराचार्यकृत अनुमान त्रैविध्यखण्डन की असंगति १४१. २७ हेमचन्दकृत असंगतिपरिहार १४२.८ भनुमिति १३७.११३८, १ अनुमितिकरण १३८.१ अनुमेय १३७. २० अनुव्यवसाय १३१. १३ अनेकान्तवाद स्वरूप ६१. ५ सभी दर्शनों में अनेकान्तवाद ६१.९ १ इस सूचीमें स्थूलाङ्क "भाषाटिप्पणानि" का पृष्ठ सूचक और सूक्ष्माङ्क पंक्ति सूचक है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001069
Book TitlePramana Mimansa Tika Tippan
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorSukhlal Sanghavi, Mahendrakumar Shastri, Dalsukh Malvania
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1995
Total Pages340
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Nyay, Nay, & Praman
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy