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पारिभाषिकाणामन्येषां च विशिष्टानां शब्दानां विशिष्टस्थल
सूचिका अकाराधनुक्रमणी अकाण्ड-छेद (अ.). १७१.+ अद्भुत (अ.) १०३, १०६, ११९ अकाण्ड-प्रथन (अ.) १७०.
(लक्षण), १२०, १६३; (वि.) ३३५, अकान्ति (वि.) २८६, २८७. अक्रमत्व (अ.) २६१, २६३, २६४. अधम (अ.) ४०६. अगुरु (वि.) १८२..
अधमा-प्रकृति (अ.) १७६. आन्यावेग (वि.) १४०.
अधिक (अलंकार) (अ) ३७७.... अंक (वि.) ४३४.
अधिकपदत्व (अ.) २०१, २०५, २०७. अंग (वि.) १८२, ३३५, ४४७.
अधिकरण (वि.) २५३. अंग-अंगिन् (वि.) ४११.
अधिमात्रोपायादि (अ.) २२९; (वि.) २२९ अंगज (अ.) ४२२, ४२३.
अधीरामध्या (अ.) ४१५. अंगत्व (अ.) १६४, ३९८.
अध्यात्मशास्त्रचिंतन (अ.) १२०. अंगत्व संकर (अ.) ३९८.
अनंगत्व (अ.) १६४, १६७. अंगद (वि.) ४५८.
अनंगवर्णन (अ.) १७२. अंगव्यापार (वि.) ४४८.
अनन्तभेद-(संभोग शृंगार) (अ.) १०९. अंगसंकोच (अ.) ११९.
अनन्वय (अ.) ३४७, (वि.) ३४०. अंग-स्कन्धपंचक (अ.)२२८, (वि.)२२८.
अनन्वितत्व (अ.) २०१, २२२, २२३,
२२४, २२५. अंग्यननुसंधान (अ.) १७१.
अनभिनेय (श्रव्य) (अ.) ४४०. अंगांगिभाव (अ.) ३९९.
अनमिनेयार्थ (वि.) १७६. अजन (वि.) १८३.
अनिबद्ध (अ) ४४९, ४६५ (लक्षण). अतिप्रसंग (अ.) ३४८.
अनिमिषप्रेक्षण (अ.) १२०. अतिशयोक्ति (अ.) २६४, ३५०, ३६८. अनिर्वाच्या (वि.) ९९.
(लक्षण), ३७१, ३९२, ३९९, अनुकरण (वि.) ९३, ९५. . ४०३; (वि.) ३३९, ३४०, ३५५,
अनुकरण प्रतिभास (वि.) ९४.
अनुकरणरूप (वि) ९१, ९३. अतिहसित (वि.) ११५.
अनुकर्तृ (वि.) ९४.. अत्यंत परिचितस्व (काम) (अ.) १०६. अनुकार (वि.) ९९. अदोष-शब्दार्थ (अ.) १५९. | अनुकारकृति (अ.) १११.
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