SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 473
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अंगविजामध्यगतानां विशिष्टवस्तुमानां विभागशः सङ्ग्रहः मणोसिल पतंग हिंगुलक पजणी वण्णमत्तिका णीलकधातुक सस्सकचुण्णक कण्हमत्तिका खीरपक अब्भवालुका लवण सुद्धभूमी गोकंटक पंडुमत्तिका देवतारमणमत्तिका सुवण्ण णदिमत्तिका तंबभूमी जातरूव संगमत्तिका मुरुंब मणस्सिला विसाणमत्तिका कडसकरा (३०) वर्ण-रङ्गविभाग मेचक काकंडवण्ण मणोसिलाजिम पृष्ठ १०५ सुरुग्गमिक हरितालवण्ण गयतालुकवण्ण पदुमक हिंगुलक पृ० १०४ कण्ह रत्त पीतक सेत चित्तवण्ण मिस्सवण्ण कोरेंटकणिभ पंड णील पृष्ठ ११५ महागमंडल णक्खत्तमंडल जोइस आदित्त णापुण्णमंडल भट्टमंडल मंडलास छत्तमंडल उवलेवमंडल किमिमंडलिक पंचमंडलिक अपंचमंडल माकण्णीकणिक लक (३१) मण्डलविभाग उद्धलक कण्णपालिक तलकणिक वडक कण्णुप्पलक तलपत्तक पण्णेलिक परिहेरक सकडपट्टक तलभ पल्लस्थिकापट्ट कण्णवलयक अकरपट्टक खडुक अस्समंडल मुद्दिका वातचक्कमंडल वेढक झल्लरिमंडल लेहपट्टिकमंडल सत्थिसंघातमंडल अंगुलिमंडक संघायमंडल करणमंडल पृष्ठ २३९ जोतिसमक्ष पुढवीमंडल पृष्ठ २४१ महामंडक मज्झिमगमंडल खुडुलगमंडल णक्खत्तमंडल अदागमंडल चंदमंडल सूरमंडल पृष्ठ २४२ पहंकचकलग धाडीचक सकाचक समयमंडल रिसिमंडल संखमंडल मंडलक पृष्ठ २०६ पुग्वदारिक दक्खिणदारिक पच्छिमदारिक उत्तरदारिक समखेत्त दिवमुखेत्त अद्धखेत गामणक्खल खेडणक्खत्त कुलणक्खत्त उपकुलणक्खत कुलोपकुलणक्खत्त पमहणणक्खत्त (३२) नक्षत्रविभाग जातिणवत्त थीणक्खत्त भादाणणक्खत्त णपुंसकणक्खत्त मित्तणखत जमरणखत्त पुरिसणक्खच देवणक्खत्त (३३) कालविभाग पुष्वह मागधवेला भवरण्ड दुद्धवेलिका मागधभ बालोलीवेलिका पातरास माणुतासवेला अणुमज्झण्ड कूरवेला पृष्ठ २४७ सतरासवेला भत्तबेलिका गंडीवेला पृष्ठ २३५ उस्सास कट्ठा लष दिवस जागुवेला वासवेलिका णागवेला पसुवेलिका दीववेलिका सामासवेलीका जामवेला चोरवेला गोसग्गवेला पृष्ठ २५७ धातक छातक पक्ख मास वस्स निमिसंतर कला पृष्ठ २४६ मज्झण्ड अहोरत्त पृष्ठ १५३ व्याकरण अंतस्थ जोगवह अजोगवह यम (३४) व्याकरणविभाग उष्माणः अनुस्वार विसर्जनीय अनुनासिक उपध्मानीय समाणक्खर जिह्वामूलीय संधिमक्खर णामिस्सर पृष्ठ १५७ अघोस एकभस्स घोसवंत हनुमूलजिह्वामूनिय बहुभस्म विभस्स फरिस Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001065
Book TitleAngavijja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Vasudev S Agarwal, Dalsukh Malvania
PublisherPrakrit Granth Parishad
Publication Year1957
Total Pages487
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Jyotish, & agam_anykaalin
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy