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२८३
मूलसहो
बंभी
१०७
बंभे
बंधिस्संति बंधिंसु ० बंधुजीवए
+बंधुजीवग बंधुया
बंधे
बीयं परिसिटुं-सहाणुकमो सक्कयत्यो सुत्तंकाइ । मूलसद्दो सक्कयत्यो सुत्तंकाइ १७२८, १७३० [१], बंभलोयवडिंसए ब्रह्मलोकवतंसकः २०१[१] १७३१ [१, ३, ५], बंभलोया ब्रह्मलोकाः १४४ [१] १७३२, १७३४, १७३५
ब्राह्मी
१०७ [१], १७३७ [१],
बंभीए
ब्राहयाः १७३८, १७३९ [१],
ब्रह्मा-ब्रह्मलोकेन्द्रः २०१ १७४१, १७५७, १७५८ [१], १७६५ [१-२], १७६९, १७७८, १७८४
बाउञ्चा
वनस्पतिविशेषः- 'बापची'
इति भाषायाम् ४२ गा.२० भन्त्स्यन्ति ९७१ बाणकुसुमए बाणकुसुमम् १२२७ अभान्त्सुः-बद्धवन्तः ९७०
बातालीसं द्विचत्वारिंशत् ३८५[३] वन्धुजीवकः १२२६,
बादर
बादर १४९२ [२] १२२७, १२२९तः १२३१ बादरअपजत्तगा बादरापर्याप्तकाः २४३, बन्धुजीवकः ४३गा.२४
२४६, ३३४ म्लेच्छजातिविशेषः पृ.३६ बादरअपजत्तगाणं बादरापर्याप्तकानाम् २४३
टि. १४ बादरअपजत्तया बादरापर्याप्तकाः २५१ बन्धे
१७८६ बादराउकाइय० बादराप्कायिक २४३, बन्धः २१२ गा. १८१
२४४, २४८, २४९
बादरआउकाइया बादराप्कायिका : २४३, अभान्त्सुः-बद्धवन्तः ९७१
२४४, २४५ [३], २४६ बन्धः९४८गा. १९९.२००
तः २४९, २५० [३], ब्रह्मन्-देवलोक १०३५
२५१, ३३४ ब्रह्मलोकः २०१ [१] बादराउकाइयाण बादराप्कायिकानाम् २५० ब्रह्मलोके २०२[१],२०३ [१], २०४ [१], २२३ । बादराउकाइयाणं , २४२, २४५[३], [५],३३४,४१९[१२],
२४६, २४७, २५१, ५९३, १४७०, १८३४
२५९ [१] ब्रह्मलोक २०५१ बादरआउकाइयाणं ,, ३५९ [२] ब्रह्मलोक २०१ [१], बादरआउक्काइए बादराप्कायिकः १३०७
२००२ बादरभाउक्काइया बादराप्कायिकाः २६,२८ ब्रह्मलोकदेवाः ७०६
[१,४ ब्रह्मलोकस्य २०२[१] बादरभाउक्काइयाणं बादराप्कायिकानाम् १५१, ब्रह्मलोकानाम् २०१ [१]
१५२ ब्रह्मलोके २०७ बादरकाए बादरकाये २४ गा. ९ ब्रह्मलोक १९६, २१०, बादरणामाए बादरनाम्नः १७०२[४६]
६२२, ६३४ बादरणामे बादरनाम १६९३ ब्रह्मलोक १५३२ [५], बादरणिगोद-. बादरनिगोद. २४८
२०५२ [१] | बादरणिगोदा बादरनिगोदाः २४८,३३४
बंधे
"
बंधसु
बंधो
बंभ बंभलोए
बंभलोग बंभलोग.
बंभलोगदेवा बंभलोगस्स बंभलोगाणं बंभलोगे बंभलोय
बंभलोय.
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