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________________ २४] पुढवीकायपण्णवणा । बदिर्यसंसारसमावण्णजीवपण्णवणा २ तेंदियसंसारसमावन्नजीवपण्णवणा ३ चउरेंदियसंसारसमावण्णजीवपण्णवणा ४ पंचेंदियसंसारसमावण्णजीवपण्णवणा ५ । [ सुत्ताई १९ - ५५. एर्गिदियजीव पण्णवणा ] १९. से किं तं एगेंदियसंसारसमावण्णजीवपण्णवणा ? एगेंदियसंसारसमावण्णजीवपण्णवणा पंचविहा पण्णत्ता | तं जहा - पुढविकाइया १ ५ आउकाइया २ तेउकाइया ३ वाउकाइया ४ वणस्सइकाइया ५ । [ सुत्ताई २० - २५. पुढवीकाय जीव पण्णवणा ] २०. से किं तं पुढविकाइया ? पुढविकाइया दुविहा पण्णत्ता । तं जहासुहुमपुढविकाइया य बादरपुढविकाइया य । १० २१. से किं तं सुहुमपुढविकाइया ? सुहुमपुढविकाइया दुविहा पण्णत्ता । तं जहा-पज्जत्तसुहुमपुढविकाइया य अपज्जत्तसुहुमपुढविकाइयाय । तं सुमपुढविकाइया । २२. से किं तं बादरपुढविकाइया १ बादरपुढविकाइया दुविहा पन्नत्ता । तं जहा - सहबादरपुढविकाइया य खरबादरपुढविकाइया य । २३. से किं तं सण्हबादरपुढविकाइया ? सहबादरपुढविकाइया १५ सत्तविहा पन्नत्ता । तं जहा - किण्हमत्तिया १ नीलमत्तिया २ लोहियमत्तिया ३ हाद्दिमत्तिया ४ सुक्किलमत्तिया ५ पंडुमत्तिया ६ पणगमत्तिया ७ । से तं सण्हबादरपुढविकाइया । २४. से किं तं खरबादरपुढविकाइया ? खरबादरपुढविकाइया अणेगविहा पण्णत्ता । तं जहा १३ २० पुढवीय १ सक्करा २ वालुया य ३ उवले ४ सिला य ५ लोणूसे ६-७ । अय ८ तंब ९ तय १० सीसय ११ रुप्प १२ सुवण्णे य १३ वइरे य १४ ॥ ८ ॥ हरियाले १५ हिंगुल १६ मणोसिला १७ सासगंऽजण १८-१९ पवाले २० । ३. चउरिंदि म० प्र० पु२ ॥ १. इंदि ० २ ॥ ४. भय तजय तंब सीसय जे० पु२ ॥ २. इंदिय ध० २ ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only २५ www.jainelibrary.org
SR No.001063
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01
Original Sutra AuthorShyamacharya
AuthorPunyavijay, Dalsukh Malvania, Amrutlal Bhojak
PublisherMahavir Jain Vidyalay
Publication Year1969
Total Pages506
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_pragyapana
File Size9 MB
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