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१-२. परिणाम-चण्णाहिगारा। १२२४. एवं काउलेस्सा कण्हलेस्सं णीललेस्सं तेउलेस्सं पम्हलेस्सं सुक्कलेस्सं, एवं तेउलेस्सा किण्हलेसं णीललेसं काउलेसं पम्हलेसं सुक्कलेस्सं, एवं पम्हलेस्सा कण्हलेसं णीललेसं काउलेसं तेउलेसं सुक्कलेस्सं ।
१२२५. से णूणं भंते ! सुक्कलेस्सा किण्ह० णील० काउ० तेउ० पम्हलेस्सं पप्प जाव भुजो २ परिणमति ? हंता गोयमा ! एवं चेव ।
[सुत्ताई १२२६-३२. २ वण्णाहिगारो] १२२६. कण्हलेस्सा णं भंते ! वण्णेणं केरािसया पण्णत्ता ? गोयमा ! से जहाणामए जीमूए इ वा अंजणे इ वा खंजणे इ वा कज्जले इ वा गवले इ वा गवलवलए इ वा जंबूफलए इ वा अद्दारिट्ठए इ वा परपुढे इ वा भमरे इ वा भमरावली इ वा गयकलमे इ वा किण्हकेसे इ वा आगासथिग्गले इ वा किण्हासोए १० इ वा किण्हकणवीरए इ वा किण्हबंधुजीवए इ वा । भवेतारूवा ? गोयमा ! णो णटे समढे, किण्हलेस्सा णं एत्तो अणि?तरिया चेव अकंततरिया चेव अप्पियतरिया चेव अमणुण्णतरिया चेव अंमणामतरिया चेव वण्णेणं पण्णत्ता।
१२२७. णीललेस्सा णं भंते ! केरिसिया वण्णेणं पण्णत्ता ? गोयमा ! से जहाणामएँ भिंगे इ वा भिंगपत्ते इ वा चासे ति वा चांसपिच्छे इ वा सुए इ १५ वा सुयपिच्छे इ वा सामा इ वा वणराई इ वा उच्चतए इ वा पारेवयगीवा इ वा मोरगीवा इ वा हलधरवसणे इ वा अयसिकुसुमए इ वी बाणकुसुमए इ वा अंजणकेसियाकुसुमए इ वा णीलुप्पले इ वा नीलासोए इ वा णीलकणवीरए इ वा णीलबंधुजीवए इ वा । भवेतारूवा ? गोयमा ! णो ईणढे समढे, एत्तो जाव अमणामयरिया चेव वण्णेणं पण्णता।
२० १२२८. काउलेस्सा णं भंते ! केरिसिया वण्णेणं पण्णता ? गोयमा !
१. सुक्कलेसं पप्प जाव भुज्जो भुजो परिणमइ ? हंता गोयमा ! तं चेव । पु२ मु०॥ २. °मा ! तं चेव म०प्र० पुर ॥ ३. गवलवलए इति पदं मलयवृत्तौ न व्याख्यातम् ॥ ४. अद्दारिट्ठए इति पाठस्थाने भरिट्ठए इति पाठानुसारि मलयवृत्तिव्याख्यानम् ॥ ५. किण्हकेसरे इ वा इति पाठानुसारि मलयवृत्तिव्याख्यानम् ॥ ६. भवे एयारूवे मलयवृत्तिगतावतरणे। भवे एतारूवे मु०॥ ७. इणमढे पु२॥ ८.°ट्ठइरिया जे०॥९. अमणापतरिया इति पाठानुसारि मलयवृत्तिव्याख्यानम्। १०.°ए भिंगए इ वा मु०॥ ११. चासपिंछे जे० ध० । चासपिच्छए मु०॥ १२.सुयपिंछे जे०ध०॥ १३. उव्वत्तए जे० प्रदेशव्याख्यायां च ॥ १३, १६-१७. कुसुमे इ वा म० प्र० पु२ ॥ १५. वा वणकु मुद्रिते मुद्रितमलयवृत्तौ च, किन्तु मलयवृत्तेः ताडपत्रीयादिलिखितादर्शेषु बाणकुसुमे इत्येव पाठ उपलभ्यते ॥ १८. भवे तेयारूवा जे०॥ १९. इणमढे पु२, एवमन्यत्रापि ॥
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