________________
१. आराहणापडाया
286. अय-तब-तउय - सीसागरा य नाणाविहा य आरामा । जे काराविय रोविय इहऽन्नम्मे वि ते गरिहे ॥ २८६ ॥ 287. खित्तगुलवाडवाडी तह सणखित्ताइं गुलियखित्ताईं । धम्मत्थं तरुणपमुहं गरिहामि तिविहेणं ॥ २८७ ॥ 288. पव-सभ - कूत्र - सरोवर-सारणि-पुक्खरणि-ढिंकुय- कुंसिद्धा (?) । अय-पट्टा जे के वि कया चए ते वि ॥ २८८ ॥ 289. हल-दंताल-मईए घाणा घाणी य जंतिणि घरट्टे ।
नी साहुक्खल-मुसले चुल्ही चुल्हित्तए वि च ॥ २८९ ॥ 290. पासाय- हट्ट - खट्टा-पट्टा - सीहासणाई सिज्जाओ ।
चौवर - मसूर - भद्दासणाईं विविहारं रच्छाई (१) ॥ २९० ॥ 291. सुक्खासणाणि वाहिणि-रह-रह कल-सिल्ल-वा (? वो ) लिया गंती । लंधि - वहिल्लिप्पमुहे जंते य चए तिहा सकए ॥ २९१ ॥ 292. जलजत्ताए पवहण दुन्नी बेडा वही य कोटिंबे ।
खरकुयपमुह अगे चएमि तिविहेण अहिगरणे ॥ २९२ ॥ 293. पायार-मार गोय ( उ ) र - खाइय - विज्जाहरी (?) य तोरणया । ढिकुंलिय-जंत-सुयरी-सयग्धिया - सिल्ल - भला य ॥ २९३ ॥ 294. तरवारि - कुंत - संव्वल - कडतल - सेंबली य अर्द्धचंदा य । नाराय -गया-लउडी - मोग्गर - केट्टारिया खग्गा ॥ २९४॥ 295. भत्था - भत्थी - सिंगिणि धणु-तोमर-भल्लि ठउँलिय - झडाला । वारणि- फरी - फराओ ओडणपमुद्दा उ आवरणा ॥ २९५ ॥ 296. पक्खर - पल्लाण- गुडा-सन्नाही -गद्दि - सिरक - वजंगी । अंगरखीय-भाई काहल -नीसाण - दम्मावा ॥ २९६॥
१. कुसट्टा B. C. DF A. चुल्लीचु F. ॥ ४ 'F' ॥ ७. कोडिंबे D. ९. ढिकुलीयं जंत-सूयरी E १२. कुट्ठारिया D. ॥ १३.
॥
Jain Education International
२७
| कुपट्ठा E ॥ २. पावट्ठा जे के वि किया A ॥ ३. चुल्हाचु चाउरि मसूरि-भ° D. ॥ ५. वाहणि A ॥ ६. दुन्नी वेई ८. खरकूयपमुह णेगे D E F । खरकुयपमुहा णेगे B. ॥ १०. 'सब्बल' C. E F उलिय° D. | 'ढउलिय° E ॥
For Private & Personal Use Only
११. सवली C. E. I १४. झगाई A. विना ॥
www.jainelibrary.org