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________________ ૨૪ पइयत्ते २१९९. दस चेव जोयणसए बावीसं २०२२ वित्थडो य मूलम्मि | सत्तेव जोयणसर तेवीसे ७२३ वित्थडो मज्झे ॥ ७४ ॥ २२०० चत्तारि जोयणसए चउवीसे ४२४ वित्थडो उ सिहरतले । स्वरं कूडे अक्कमं कित्तइस्सामि ॥ ७५ ॥ [गा. ७६ - ८३. कुंडलपव्वओवरिं सोलस कूडा ] २२०१. पुव्वेण होंति कूडा चत्तारि उ, दक्खिणे वि चत्तारि । अवरेण वि चत्तारि उ, उत्तरओ होंति चत्तारि ॥ ७६ ॥ २२०२. वइरपभ १ वइरसारे २ कणगे ३ कणगुत्तमे ४ इ य । रतप्प ५ रत्तधाऊ ६ सुप्पमे ७ य महप्पभे ८ ॥ ७७ ॥ २२०३. मणिप्पभे ९ य मणिहिये १० रुयगे १९ एगवर्डिसए १२ । फलिहे १३ य महाफलिहे १४ हिमवं १५ मंदिरे १६ इ य ॥ ७८ ॥ २२०४. एएसिं कूडाणं उस्सेहो पंच जोयणसयाई ५०० । पंचेव जोयणसए ५०० मूलम्मि उ वित्थडा कूडा ॥ ७९ ॥ २२०५. तिन्नेव जोयणसए पन्नत्तरि ३७५ जोयणाई मज्झमि । अड्डाइज्जे य सए २५० सिहरतले वित्थडा कूडा ॥ ८० ॥ २२०६. एगं चेव सहस्सं पंचेव सयाई एक्कंसीयाई १५८१ । मूलम्मि उ कूडाणं सविसेसो परिरओ होइ ॥ ८१ ॥ २२०७. एगं चेव सहस्सं छलसीयं चेव होइ सयमेगं ११८६ | मज्झम्मि उ कूडाणं विसेसहीणो परिक्खेवो ॥ ८२ ॥ २० २२०८. सत्तेव जोयणसए एक्काणउयं ७९१ च जोयणा होंति सिहरतले कूडाणं विसेसहीणो परिक्खेवो ॥ ८३ ॥ [गा. ८४ -८६. कुंडलपव्वयकूडेसु सोलस नागकुमारा ] २२०९. पलिओवमट्ठिईया नागकुमारों वसंति एएसु । सिं नामावलियं अहकम्मं कित्तहस्सामि ॥ ८४ ॥ १. एकवीसाई हं० । गणितक्रिया विसंवादी लेखकप्रमादजोऽयं पाठभेदः ॥ २. रा इवंति हूं ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001044
Book TitlePainnay suttai Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Amrutlal Bhojak
PublisherMahavir Jain Vidyalay
Publication Year1984
Total Pages689
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, agam_chatusharan, agam_aaturpratyakhyan, agam_mahapratyakhyan, agam_bhaktaparigna, agam_tandulvaicharik, agam_sanstarak, agam_gacchachar, & agam_chandra
File Size11 MB
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