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________________ ७६ ц १० १५ पनयत्तेसु ५९०. सीयंति ते मैणूसा सामण्णं दुलहं पि लद्धूणं । जेहऽप्पा न निउत्तो दुक्खविमोक्खम्मि मग्गमि ॥ १०२ ॥ ५९१. दुक्खाण ते मणूसा पारं गच्छंति जे य दढधीया । भावेण अणन्नमणा पारत्तहियं गवेसेंति ॥ १०३ ॥ ५९२. मैग्गंती परमसुहं ते पुरिसा जे खवंति उज्जुत्ता । कोहं माणं मायं लोभं अरई दुर्गुछं च ॥ १०४ ॥ ५९३. लद्धूण वि माणुस्सं सुदुलहं जे पुणो विरींहेंति । ते भिन्नपोयसंजत्तिगों व पच्छा दुही होंति ॥ १०५॥ ५९४. लँड्रूण वि" सामण्णं पुरिसा जोगेहिं " जे न हायंति । ते लद्धपोयसंजत्तिगाँ व पच्छा न सोयंति ॥ १०६ ॥ ५९५. न हैं सुलहं माणुस्सं, लद्धूण वि होइ दुलहा बोही । बोहीए वि य लंभे सामण्णं दुलहं होइ ॥ १०७ ॥ ५९६. सामण्णस्स वि लंभे नाणाभिगमो उँ दुलहो हैवइ । नाणम्मि वि” आगमिए चरित्तसोही हवइ दुक्खं ॥ १०८॥ ५९७. अत्थि पुण केइ पुरिसा सम्मत्तं नियमसो पसंसंति । केई चरितैसोहिं नाणं च तहा पसंसंति ॥ १०९ ॥ " कापा० ॥ १३. णा जिणवयणं जे नरा अणु क्ष० । 'णा जे जिणवयणं नरा अणु जे० च० कापा० ॥ १४. चारेंति कापा० ॥ १५. तं सं० ॥ १६. उवण्णे च० ॥ १. मणुस्सा च० ० ॥ २. 'मुक्खम्मि जे० च० क्ष० ॥ ३. जे दढडीया का० ॥ ४. गवेसंति जे० क्ष० कापा० । गवेसिंति सं० कापा० ॥ ५ मग्गंति परमसोक्खं ते का० । मूलपाठः का० आदर्श पाठान्तरत्वेनास्ति ॥ ६. खविंति क्ष० कापा० ॥ ७ उज्जत्ता कापा० ॥ ८. अरई सं० ॥ ९. दुगंछ का ० ॥ १०. राहंति जे० च० कापा० । राहिंति कापा० ॥ ११ भिन्नपायसा विव वच्छा पच्छा कापा० ॥ १२ °त्तिया व क्ष० । °त्तिग व्व च० कापा० १४. लहूणं माणुस्सं पु° का० ॥ १५. वि सामण्णं कापा० ॥ १६. ॥ १३. हुंति जे० क्ष० ॥ जोगेहिं तथा जोगेण १८. सोइंति कापा० ॥ १९. य कापा० ॥ २०. य जे० २१ कापा० ॥ १७. °त्तिया क्ष० कापा ॥ क्ष० कापा० ॥ होइ सं० विना । हवइ कापा० ॥ २२. य क्ष० कापा० ॥ २३. दुलहा ॥ क्ष० काप ० ॥ २४. तसोही सं० ॥ २५. इतोऽनन्तरं च० आदर्शे इयमधिका गाथोपलभ्यते— " कह होई समत्तं, कह व चरितं विसुद्धभावस्स । नाणे जिणदेलिय निच्छयम्मि ? इच्छामि नाउं जे ॥ १ ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only ל www.jainelibrary.org
SR No.001044
Book TitlePainnay suttai Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Amrutlal Bhojak
PublisherMahavir Jain Vidyalay
Publication Year1984
Total Pages689
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, agam_chatusharan, agam_aaturpratyakhyan, agam_mahapratyakhyan, agam_bhaktaparigna, agam_tandulvaicharik, agam_sanstarak, agam_gacchachar, & agam_chandra
File Size11 MB
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