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द्वितीयं परिशिष्टम्
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गाथा पृष्ठाङ्कः | गाथा
पृष्ठाङ्क: आलयमेत्तं व मई....[विशेषाव० १८७१] ४७ | ऐश्वर्यस्य समग्रस्य,..... [ ] को जाणइ व....[विशेषाव० १८७२] ४७ | विदारयति यत् कर्म,.... [ ] ५८ मंसंकुरु व्व....[विशेषाव० १७५६] ४७ | तिहुयणविक्खायजसो.....[विशेषाव० १०५९] ५८ भूमिक्खयसाभावियसंभवओ...
| इरेइ विसेसेण व....[विशेषाव० १०६०] ५८ [विशेषाव० १७५७] ४८ | एगो भगवं वीरो... [आव० नि० ३०८] ५९ अपरप्पेरियतिरियानिय-...[विशेषाव० १७५८] ४८ छ ६ प्पंच ५.... ...[ ] तणवोऽणब्भाइवि-....[विशेषाव० १७५९] ४८ | चउरो ४ तिन्नि य ३....[ ] जम्म-जरा-जीवण-...[विशेषाव० १७५३] ४८ | विज्ञप्तिः फलदा पुंसाम्,.....[ ] छिक्कप्परोइया ....[विशेषाव० १७५४] ४८| क्रियैव फलदा......[ ] सम्मादयो व साव-....[विशेषाव० १७५५] ४८ हयं नाणं कियाहीणं....[आव०नि० १०१] दव्वाइत्ते तुल्ले जीव-....[विशेषाव० १८२३] ४९ | संजोगसिद्धीए फलं.... [आव०नि० १०२] ६० सूत्रोक्तस्यैकस्याप्यरो-......[ ] ४९ नाणाहीणं सव्वं.... [विशेषाव० ३५९१] चोद्दस तस सेसया मिच्छा [जीवसमा०२६] ५० | एक निच्चं निरवयव-....[विशेषाव० ३२] ६१ जेसिमवड्डो पोग्गलपरियट्टो....[श्रावकप्र० ७२] ५० | सामन्नओ विसेसो......[विशेषाव० ३४] ६१ श्लेष इव वर्णबन्धस्य....प्रशम० ३८] ५० न विसेसत्यंतरभूयमत्थि....[विशेषाव० ३५] ६१ कृष्णादिद्रव्यसाचिव्यात्.... [ ] ५० | वस्तुन एव समानः......[ ] ६१ योगपरिणामो लेश्या,... [प्रज्ञापनावृ० १७।२] ५० | चिय च्येय एवार्थ [ ] कर्मनिस्यन्दो लेश्या [ ]
५१ | इरियावहिया किरिया.....[आव० हारि० ] ६६ काऊ नीला किण्हा... [बृहत्सं०२८८] ५२ | तं तं भावमायरइ.... [आव० हारि०] किण्हा नीला काऊ....[बृहत्सं० १९३] ५२ अप्पाहने वि इहं.... [पञ्चा० ६।१३] कप्पे सणंकुमारे....बृहत्सं० १९४] ५२ अइयं निंदामि पडुप्पन्नं....[पाक्षिकसू०] ७२ पुढवी आउ वणस्सइ....[बृहत्सं० ३४२] ५२ आह पहाणं नाणं....[विशेषाव० ११३३] ७३
ओहो १, भव्वाईहिं..... [ ] ५२ जह सा नाणस्स.....[विशेषाव० ११३४] ७३ जं णाण-दसण-....[विशेषाव० १०३३] ५३ जं च मणोचिंतिय-....[विशेषाव० ११३५] ७३ दाहोवसमादिसु वा.... [विशेषाव० १०३५] ५३ | तो तं कत्तो ?.... [विशेषाव० ११४१] ७४ कोहग्गिदाहसमणादओ...[विशेषाव० १०३६] ५३ | सम्यग्दर्शन-ज्ञान-.... [तत्त्वार्थ० १।१] ७४ अहवा सम्मइंसण-...[विशेषाव० १०३७] ५३ | सद्धर्मश्रवणादेव.... [धर्मबिन्दौ ३।१] ७७ अणुलोम-हेउ-.....[विशेषाव० १०४७] ५३ | धर्मोपादेयतां ज्ञात्वा.... [धर्मबिन्दौ ३।२] ७७ पत्तं १ पत्ताबंधो....[ओघनि० ६६८] ५४ | उवसामगसेढिगयस्स ....[विशेषाव० ५२९] ७९ तिन्नेव य पच्छागा... [ओघनि० ६६९] ५४ | खीणम्मि उदिन्नम्मी.... [विशेषाव० ५३०] ७९ बत्तीसा अडयाला.....[बृहत्सं० २४७] ५४ | मिच्छत्तं जमुइन्नं तं..... [विशेषाव० ५३२] ८०
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