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पत्थिय =प्रस्थित ,
"
वियाहपण्णत्तिसुत्तंतग्गयाणं सहाणमणुक्कमो पिट्ठ-पंतीए । सद्दो
पिट्ठ-पंतीए पत्त= प्राप्त ९४-२०, १२६-५, १२८-१, पत्तेयाहार = प्रत्येकाहार ८३४-८, ८५३-१०
१४४-६, १४६-६, १५४-३, * पत्थ १६७-४, १६८-४, २०२-१४, - पत्थे इ
९७-११ २०३-२०, २६२-४, २७८- -पत्थेति
९७-११ १७, ४९६-१८, ५५३-१०, पत्थ =पथ्य
१८८-५, १८९-११, ५५७-३, ६६८-१, ६७५
५४४-१७, ७०७-२ १०, ७१७-८, ७३२-१६, पत्थकामय
१४०-१, ७०८-४ ७३७-८,७६०-२, १०६३-४ पत्थड २४७-२२, २५१-७, ६२९-७ पत्तकालग ७१४-१३ पत्थडोदय
२६७-२ पत्तण=बाणफलक २०८-१४ पत्थणता
५८८-४ पत्ततिलभंडगसगडिया ९०-१७ पत्थयण
७०५-१८ पत्तत्ता-पत्रता
५१३-१० पत्थाण ५२०-१२,५२१-१८, ५२२-१ पत्तय = पत्रक ५०६-२०,५१४-४,५१५-३ पत्तरासि= पत्रराशि ३८१-१६, ७१९-६ , प्रार्थित ७९-१,८२-११, १४६-४ पत्त वासा] = पत्रवर्षा
पद ३-९, ६३-५, ६४-२, ६६-१५, प[त्तवुट्टि] =पत्रवृष्टि
१७५-८
२२४-५, ३३३-१२, ४७३पत्तसगडिया=पत्रशकटिका ९०-१७
६, ५६३-६, ७८३-१६, पत्तामोड = तरुशाखा ऽऽमोटितपत्र ५२०-१८
८९९-१७, १०८३-३, * पत्तिय
११२८-५, ११८६-१० -पत्तियइ
४७९-१५, ४८०-४ पदाहिणा १३५-१, १४७-१७, १५०-८, -पत्तियति १२२-१४, ६९९-१३
१५३-१८, ६९४-१४, ६९५-पत्तियसि ७०३-८
१६, ७१८-१ - पत्तियंति
४७७-२४, ४७८-२, पदिस=प्र+दृश ५५५-१२ -पदिस्स
८२३-२१ -पत्तियामि ६६-२०, ४५९-१
३००-११, ३६४-११ -पत्तियाहि
पदीवलेस्सा
६३८-११ पत्तिमप्रीत, प्रीति, प्रत्ययित ६६-१७ पदीवसहस्स
६३८-१० पत्तिय =प्रत्यय-कारण १५४-६, ६४१-४, पदेस ४७-२, ५४-१०, ६४-१, ११५६६२-१७, ६६३-१२
१, ११६-१२, ४८६-१०, पत्तिय = पत्रित २८५-२, ६९९-३,
५२८-७, ५२९-१, ७६८७२८-१
१५, ७८४-२१ पत्ती-पात्री
पदेसकम्म
३२-१० पत्तेय ५४२-१३, ८३४-८ पदेसग्ग
१३-१०, १४-२ पत्तेयपरिणाम
८३४-८, ८५३-१० पदेसट्टता-ठ्या ९७६-२, ९८१-८, पत्तेयबुद्ध १०२३-७
९८६-४, १००१-१ पत्तेयसरीर ८५३-१० पदेसनामनिहत्ताउय
२६६-० पत्तेयसरीरबादरवणस्सतिकाइय ८३७-५ | पदेसाहिय प्रदेशाधिक
३७-८
पदीव
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