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-छेत्तूण
१३१८
विइयं परिसिटुं सहो पिट्ठ-पंतीए । सहो
पिट्ठ-पंतीए छारियभूत २०७-९, २९४-५ -छेत्ता
२५८-२२ छारिया ८१४-३
२६०-१५ छावट्टि ३५१-६, ९१६-५, ९१७-६,
१०४३-४ ९४७-१६, ९४८-१, ९५९-२, छिंदमाण
७६५-५ ९६८-१ छिदियव्व
८९९-१८ छावत्तर ९३१-११, ९३२-८ छीरबिराली
९.१-१२ छावत्तरि
छीरविरालिया
२८५-१७ छासीय ८६४-२ छुहा=क्षुषा
۱۷-۱۱ छिक्क
११८६-१३ , =सुधा ३८१-११, ३८२-६ छिड%3Dछिद
४९-१ * छेद ,,,, - आकाशास्तिकायपर्यायशब्द
-छेदित्ता
१२८-१, १३५-१२ ८५६-२० -छेदेइ
६४६-१७ छिन्नमाण
३-६, ३६४-२
-छेदेति ४५४-१०, ४७९-२१, ४८१छिन्नमाणी
५३६-७
२०,७६०-२, ८०२-२६ छित्तर = छित्त्वर
३६४-१६
-छेदेत्ता ९३-१७, १२६-५, ४५४-१०, छिइंत=छिद्रान्त ४४-४
७३७-८ छिन्न ३-६, ३५३-१६, ३६४-२,
-छेदेहिति
५५ -२ ७६५-५ -छेदेंति
४९४-२०,४९८-१८ छिनमुत्तावलि
१९६-१७ छिन्नमुत्तावलिसंठिया [दिसा] ६२९-२५
छेदारिह
१०६०-२१ छिन्नरुहा ९०१-१३ छेदोवट्ठावणियलद्धि
३४३-१ छिन्नावाया [भडवी]
७०५-१९ छेदोवद्यावणिसंजयम १०२०-२४, १०२१-१ छिरा
३८-३, ४६१-२२ छेदोवट्ठावणिय+°संजय १०४२ तः १०५१ छिरिया
२८५-१७
पृष्ठेषु; १०५४ तः १०५९ पृष्टेषु *छिव
छेदोवट्ठावणियसंजय = छेदोपस्थापनीय-छिवति ११८७-२
संयतत्व १०५४-७ छिवियव्य
११८६-१३ छेय%Dछेक-निपुण १३४-८,३०४-१० * छिंद
छवट्टसंघयण
पृ. ९०५ टि. ५ - छिन्नति २३४-२३, ७५२-१८,
छेवट्ठसंघयणि
पृ. ९१२ टि.. ९७४-४ -छिनेज
२११-१६,८२७-१४ -छिंद ५९-११, १४८-१, ७६५-५ -छिंदति ___७५२-१८ जम्हा
५४७-३, ६९२-१२ - छिंदित्ता
३६४-१,३८२-१४ - जस्स ९-४, १५३-१३, २३५-२१ -छिंदिया
६८२-१५ =यम् २०२-५, ७९९-२२, ८३५-१ -छिंदेजा ५८-२२, ५९-९, २७४-१८, | यत्
२६-९, २९-२५ ७५२-१८ । -=याम्
५२४-१२
छेद
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