________________
वियाहपण्णत्तिसुत्तं
[स० २० उ०५ य ६; एवं एए छन्भंगा भाणियव्वा। एवमेते सव्वे वि एक्कग-दुयग-तियगचउक्कग-पंचग-संजोएसु छासीयं भंगसयं भवति । गंधा जहा पंचपएसियस्स।
रसा जहा एयस्सेव वण्णा। ५ फासा जहा चउप्पएसियस्स ।
७. सत्तपएसिए णं भंते ! खंधे कतिवण्णे० ? जहा पंचपएसिए जाव सिय चउफासे पन्नत्ते। जति एगवण्णे, एवं एगवण्ण-दुवण्ण-तिवण्णा जहा छप्पएसियस्स । जइ चउवण्णे-सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दए
य १; सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिदगा य २, सिय कालए १० य, नीलए य, लोहियगा य, हालिद्दए य ३, एवमेते चउक्कगसंजोएणं पन्नरस
भंगा भाणियव्वा जाव सिय कालगा य, नीलगा य, लोहियगा य, हालिए य १५। एवमेते पंच चउक्का संजोगा नेयव्वा; एक्कक्के संजोए पन्नरस भंगासव्वमेते पंचसत्तरि भंगा भवंति । जति पंचवण्णे-सिय कालए य, नीलए य,
लोहियए य, हालिद्दए य, सुक्किलए य १; सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, १५ हालिद्दए य, सुक्किलगा य २, सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिगा
य, सुकिलए य ३, सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दगा य, सुकिल्लगा य ४, सिय कालए य, नीलए य, लोहियगा य, हालिद्दए य, सुकिलए य ५, सिय कालए य, नीलए य, लोहियगा य, हालिद्दए य, सुक्किलगा य ६:
सिय कालए य, नीलए य, लोहियगा य, हालिद्दगा य, सुकिलए य ७; सिय २० कालए य, नीलगा य, लोहियगे य, हालिद्दए य, सुकिलए य ८; सिय कालए
य, नीलगा य, लोहियए य, हालिद्दए य, सुक्किलगा य ९; सिय कालए य, नीलगा य, लोहियए य, हालिदगा य, सुकिलए य १०; सिय कालए य, नीलगा य, लोहियगा य, हालिद्दए य, सुक्किलए य ११; सिय कालगा य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दए य, सुक्किलए य १२; सिय कालगा य, नीलए य, लोहियए य, हालिदए य, सुक्किलगा य १३, सिय कालगा य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दगा य, सुकिलए य १४, सिय कालगा य, नीलगे य, लोहियगा य, हालिदए य, सुकिलए य, १५, सिय कालगा य, नीलगा य, लोहियए य, हालिद्दए य, सुक्किलए य १६, एए सोलस भंगा। एवं सबमेते एक्कग-दुयगतियग-चउक्कग-पंचग-संजोगेणं दो सोला भंगसता भवंति ।
२५
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org