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________________ द्वितीयाक्ष ७/४५ धर्म ४/३१६; ८/९२ द्विपद १३/३६१ धर्मकथा ६/२६३; १३/२०३, १४/8 द्विप्रदेशीय परमाणु पुद्गल धर्मद्रव्य ३/३; १३/४३, १५/३३ द्रव्यवर्गणा १४/५५ धर्मास्तिद्रव्य १०/४३६ विप्रदेशीय वर्गणा १४/१२२ धर्मस्तिकायानुभाग १३/३४६ द्विमात्रा १४/३२ धर्म्यध्यान . १३/७०,७४,७७ द्विरूपधारा ३/५२ धर्म्यध्यानफल १३/८०,८१ द्विसमयाधिकावली ४/३३२ धातकीखण्ड ४/१५०,१६५ द्विस्कन्ध द्विबाहु क्षेत्र ४/१८७,२१८ धान १३/२०५ द्विस्थान दण्डक ८/२७४ धारणा १/३५४; ६/१८,६/१४४; द्विस्थान बन्धक ११/३१३ १३/२१६,२३३,२४३ द्विस्थानिक १५/१७४; १६/५३९ धारणाजिन ६/६२ द्विस्थानिक अनुभागबन्धक ६/२१० धारणावरणीय १३/२१६,२१६,२३३ द्विस्थानिक अनुभागवेदक ६/२१३ धुर्य ४/३२६ द्विस्थानिक अनुभाग सत्कर्मिक ६/२०६ धूमकेतु १४/३५ द्विस्थानी ८/२४५,२७२ ध्यात १३/६६ द्वीन्द्रिय १/२४१,२४८,२६४; ७/६४; ध्यान १३/६४,७४,७६,८६ ८/९१४/३२३ ध्यानसन्तान १३/७६ द्वीन्द्रियकार्मणशरीरबन्ध १४/४३ ध्येय १३/७० द्वीन्द्रियजाति ६/६८ ध्रव ८/८ द्वीन्द्रिय जातिनाम १३/३६७ ध्रवअवग्रह ६/२१ द्वीन्द्रियतैजसकामणशरीरबन्ध १४/४३ ध्र वउदयप्रकृति १५/११६ द्वीन्द्रियतजसशरीरबन्ध १४/४३ ध्र वउदीरक १५/१०८ द्वीन्द्रिय-त्रीन्द्रियशरीरबन्ध १४/४३ ध्रुवउदीरणाप्रकृति १५/१०६ द्वीन्द्रियशरीर १४/७८ ध्र वत्त ४/१४१ १३/३०८ ध्रवप्रत्यय ६/१५४ द्वीपसागरप्रज्ञप्ति १/११०; ६/२,६ ध्रुवबन्ध ८/११७ द्वीपायन १२/२१ ध्र वबन्धप्रकृति ८/१७; १५/१४५,३२८ १२/२८३ ध्रुवबन्धी ६/८६,११८; ४/१७ व्यर्धगुणहानि ६/१५२ ध्र वराशि ३/४१; १०!१६८, १७०,१७३ ध्र वशून्यद्रव्यवर्गणा १४/८३,११२,११६ ध्र वशून्यवर्गणा १४/६ ४/१५६; १०/१५० ध्र वस्कन्धद्रव्यवर्गणा धनुष ४/४५,५७ ध्रु वस्थिति १३/२४३ ध्र वावग्रह १/३५. धरणीतल ४/२३६ ध्र वोदय ६/१०३ द्वीप द्वेष धन धरणी परिशिष्ट ७/८७६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001016
Book TitleShatkhandagama Parishilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBalchandra Shastri
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1999
Total Pages974
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Ethics
File Size18 MB
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