________________ संजोगावरणटु चउट्टि पावए दुवे रासि / अण्णोण्णसमब्भासो रूवूणं णिद्दिसे गणिदं // 13,248 पज्जय - अक्खर - पद-संघादय-पडिवत्ति-जोगदाराई / पाहुडपाहुड-वत्थू पुष्वं समासा य बोद्धव्वा // 13,260 योगाहणा जहण्णा णियमा दु सुहुमणिगोदजीवस्स / जद्देही तद्देही जहणिया खेत्तदो ओही // 13,301 अंगुलमावलियाए भागमसंखेज्ज दो वि संखेज्जा। अंगुलमावलियंतो आवलियं. चांगुलपुधत्तं // 13,304 मावलियपुधत्तं घणहत्थो तह गाउअं मुहत्तंतो। जोयणभिण्णमुहूत्तं दिवसंतो पण्णवीसं तु // 13,306 भरहम्मि अद्धमासं साहियमासं च जंबुदीवम्मि / वासं च मणुअलोए वासपुधत्तं च रुजगम्मि // 13,307 संखेज्जदिमे काले दीव-समुद्दा हवंति संखेज्जा / कालम्मि असंखेज्जे दीव-समुद्दा असंखेज्जा // 13,308 कालो चदुण्ण वुड्ढी कालो भजिदम्वो खेत्तवुड्ढीए / वुड्ढीए दव्व-पज्जय भजिदव्वा खेत्त-काला दु॥ 13,306 तेया-कम्मसरीरं तेयादव्वं च भासदव्वं च / बोद्धव्वमसंखेज्जा दीव-समुद्दा य वासा य // 13,310 पणुवीस जोयणाणं ओही वेंतर-कमारवग्गाणं / संखेज्ज जोयणाणं जोदिसियाणं जहण्णोही / / 13,314 असुराणमसंखेज्जा कोडीओ सेसजोदिसंताणं / संखातीदसहस्सा उक्कस्सं. ओहिविसओ दु॥ 13,315 सक्कीसाणा पढम दोच्चं तु सणक्कुमार-माहिंदा / तच्चं तु बम्ह-लंतय सुक्क-सहस्सारया चोत्थ // 13,316 आणद-पाणदवासी तह आरण-अच्चुदा य जे देवा / पस्संति पंचमखिदि छट्ठिम गेवज्जया देवा // 13,318 सव्वं च लोगणालि पस्संति अणुत्तरेसु जे देवा। सक्खेत्ते य सकम्मे रूवगदमणंतभागं च // 13,316 परमोहि असंखेज्जाणि लोगमेत्ताणि समयकालो दु।। रूवगद लहइ दव्वं खेत्तोवम अगणिजोवेहि / / 13,322 तेयासरीरलंबो उक्कस्सेण दु तिरिक्खजोणिणिसु / गाउअ जहण्णओही णिरएस अ जोयणुक्कस्स / / 13,325 786 / बटाडागम-परिशीलन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org