Book Title: Shiksha Dwara Rashtra Vikas Sambhav Hai
Author(s): Kanhaiyalal Bothra
Publisher: Z_Ashtdashi_012049.pdf
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Page #1 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कन्हैयालाल बोथरा शिक्षा द्वारा राष्ट्र विकास संभव है शिक्षा व्यक्ति के सम्पूर्ण व्यक्तित्व का निर्माण करती है। पहली शिक्षा जननी प्रदान करती है और फिर प्रकृति प्रदत्त होती है । मानव विकास की क्रमबध कहानी में हम ५२५वीं पीढ़ी में हैं। एक पीढ़ी २२ वर्ष की औसत रूप से मानी जाती है तो लगभग ११५५० वर्ष पूर्व शिक्षा प्रारम्भ हुई। मानव मस्तिष्क में सोच द्वारा शब्द और लिपि का विकास हुआ। संस्कृत भाषा धरती पर मानव की पहली भाषा है। तीन हजार साल मौखिक के बाद लिपि बनी। ब्राह्मी लिपि में लिखी गई। प्राकृत, पाली, अपभ्रंश भाषाओं के बाद हिन्दी का प्रादुर्भाव क्रमशः १००० बीसी से ५०० बीसी०, ५०० बीसी से ५०० ईस्वी, ५०० ई० से १२०० ई० तथा फिर राजस्थानी, डिंगल, पिंगल, हरायनवी एवं हिन्दी, अंग्रेजी, परसियन तथा विश्व की अनेक भाषाएं संस्कृत से निकली हैं। हमारे यहाँ शिक्षा गुरूकुल तथा फिर नालन्दा जैसे विश्वविद्यालयों में दी जाने लगी। धनसम्पदा ने हमलावरों को ललचाया और ७वीं सदी से १९४७ तक का विकास आर्यावर्त का मंथर रहा। मन्दिरों में पढ़ाया जाता था, भारत में ४% साक्षर १८८० ई० में थे। बीकानेर में १९११ की प्रथम जनगणना में शिक्षा २.९३% थी । स्त्रियों में ९९.७६% निरक्षरता थी । जैनों में ६.५% हिन्दू में २.५% एवं मुसलमान १.२% साक्षर थे। पूरे राज्य में १८, ७७९ हिन्दी, ८८१ अंग्रेजी और ६७३ उर्दू भाषी साक्षर थे। अंग्रेजी में पुरुष ८६५ एवं १६ स्त्रियां साक्षर थीं । उससे पूर्व १८८५ में पहली स्कूल ८ जून को प्रारम्भ हुई, जिसमें ५२६ छात्र पढ़ते थे । जातिवार - ब्राह्मण १७०, बनिया १४५, राजपूत ५४, मुसलमान ६६ एवं पारसी २ पढ़ते थे। अमेरिका में भी १८८० में शिक्षा कम थी और पेड़ों के नीचे काले पट पर पढ़ाते थे । अब भारत में ६५ प्रतिशत साक्षर हैं । भारत में स्वतन्त्रता के बाद शिक्षा का प्रसार हुआ । प्रथम वकील भारत के नसीरूद्दीन जी तैयब जी १८६७ में हुए और विश्वविद्यालय कलकत्ता में १८५० से स्थापित हुआ। अब भारत में ३५० विश्वविद्यालय हैं और शिक्षा द्वारा विकास को द्रुत गति देने के लिए १५०० नये विश्वविद्यालयों की स्थापना करनी होगी। यह आर्थिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक विकास के लिए आवश्यक है । आज पश्चिम के राष्ट्रों के एक अरब लोग विकास में आगे हैं, क्योंकि वहां शिक्षा-तकनीकी एवं वैज्ञानिक जानकारी हमसे आगे हैं इंगलैण्ड में १७५९ में २८ हजार विद्यार्थी थे जहां सभी स्कूलों में निम्न शिक्षा दी जाती थी : "In all schools emphasis was laid upon teaching students to be content with their native rank and show proper subordination to the upper class". जवाहरलाल ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय १८३० में इंगलैंड के सामन्तों एवं उच्च वर्ग के लिए था। जैसे हमारे यहां १९०२ से १९४३ तक नॉबल्स स्कूल में सामन्ती छात्रों के अलावा अन्य जातियों को प्रवेश वर्जित था। इससे विकास अवरूद्ध हुआ। अब दुनियां के २०० विश्वविद्यालयों में भारत के ४ विश्वविद्यालय श्रेष्ठ शिक्षा के लिए माने जाते हैं। आई० आई०टी०, आई० आई०एम०, विश्वविद्यालय एवं दिल्ली विश्वविद्यालय हैं। अमेरिका के आई०टी० क्षेत्र में हमारे ये तकनीकी ज्ञान अर्जित छात्र मेसाचुसेट्स इंस्टीच्यूट ऑफ टेकनोलोजी (एक) के समकक्ष माने जा रहे हैं और सिलिकन वैली में कार्यरत हैं। टाईम की सूचना के अनुसार विश्व में हारवर्ड विश्वविद्यालय प्रथम, केम्ब्रिज द्वितीय, ऑक्सफोर्ड तृतीय है। टॉप टेक्नीकल विश्वविद्यालयों में आई० आई०टी० का०, एम०आई०टी० के बाद तीसरा स्थान है। विश्व की श्रेष्ठ १०० साईन्स विश्वविद्यालयों में आई०आई०टी० ३३ वें स्थान पर है अमेरिका एवं ब्रिटेन को छोड़कर विश्व के ५० टॉप विश्विद्यालयों की क्रम संख्या में आई० आई०टी० १५वें छ अष्टदशी / 124 Page #2 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आई० आई०एम० १९ वें एवं दिल्ली विश्वविद्यालय ५७ वें स्थान पर है। इस प्रकार शिक्षा एवं अनुसंधान के माध्यम से विकास होता है। अमेरिका में हमारे ५० हजार, ब्रिटेन में ४० हजार, मध्य एशिया में २० हजार डॉक्टर एवं दो लाख इंजिनियर तथा ५ लाख तकनीकी लोग कार्यरत हैं और विदेशी मुद्रा का भण्डार भर रहे हैं। शिक्षा द्वारा विकास के क्षेत्र में यूरोप में वृद्धों की संख्या बढ़ रही है। उन्हें विकास के लिए शिक्षित तकनीकी लोग चाहिये, हाल ही में बेलजियम, पोलैण्ड, स्वीडन एवं फ्रांस ने इंजिनियरों, डॉक्टरों की मांग की है। भारत में हर साल २ लाख इंजिनियर एवं ३० हजार डॉक्टर बन रहे हैं। इनका कार्यक्षेत्र विश्वव्यापी होगा। यूरोपीय संघ अपने राष्ट्रों के लोगों को पसंद कर रहे हैं पर उनको मिल नहीं रहे हैं। अत: भारत पर उनकी नजर सदा रहेगी। बहुराष्ट्रीय कंपनियां (MNC) भारतीय बाजार में आ रही हैं। भारत में संग वालमार्ट २००८ में प्रवेश कर रहा है, जिन्हें ५००० युवाओं की जरुरत होगी। एम० एन० सी०, एम०बी०ए० की जगह ग्रेजुएट को लेगी, जैसे पेप्सी कोलाइंडिया ने प्रारम्भ किया है। विश्व में भारत घरेलू उत्पाद में (GDP) चौथे स्थान पर है, ४८० खरब रूपये का घरेलू उत्पाद है। यह बढ़ेगा क्योंकि उद्योगों में उत्पाद १०- १२% वृद्धि दर कर रहे हैं। इसमें शिक्षा का योग है, अमेरिका विश्व में सकल घरेलू उत्पाद में प्रथम ( १२४६ खरब डालर ), चीन द्वितीय (४६ खरब डालर ) जापान तृतीय (४५ खरब डालर) और भारत चौथा (१० खरब डालर है) । शिक्षा में भारत ६५% साक्षरता में है। आशा की जाती है कि २०५० में भारत सकल घरेलू उत्पाद में अमेरिका से ऊपर निकल जायेगा । भारत की अर्थव्यवस्था को "फ्लाईंग इकोनॉमी" नाम दिया जा रहा है। इसका कारण शिक्षा, लॉवर कॉस्ट - हायर ग्रोथ यानि कम खर्च में अधिक उत्पादन है और उत्पाद की गुणवत्ता उत्तम होने के कारण विश्व बाजार प्राप्त होगा। चीन हमारी तरह शिक्षा द्वारा ही आगे बढ़ रहा है। अंग्रेजी शिक्षा हमारा सबल पक्ष है, जो १८३५ में चालू हुई थी। सर्वे २०७ के अनुसार जी - ७ राष्ट्रों, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, कनाड़ा, फ्रांस, इटली, जापान से भारत और चीन बौद्धिक क्षमताओं के कारण आगे बढ़ जायेंगे (यंग यूरोपीयन एट्रेक्विनेस सर्वे २००७) । अमेरिका के संग आणविक समझौते के सफल होने पर हमें न्यूकिलियर पावर प्लांट लगाने में न्यूकिलियर एनर्जी बिजली जो अभी ४% पैदा कर रहे हैं, यह २०५० तक ५०% होगी, जिसकी विकास में आधारभूत आवश्यकता है। ― हमारे समाज में भारतीय समाज में मध्यम वर्ग वह है जो २ - १० लाख वार्षिक अर्जन करता है। यही वर्ग शिक्षा पर जोर देता है। इनकी संख्या अब ५ करोड़ है और २०२५ में इनकी संख्या ५९ करोड़ हो जायेगी तथा २९ करोड भारतीय गरीबी की रेखा से ऊपर उठ जायेंगे। ऐसा मैकेन्सी ग्लोबल इंस्टीट्यूट का सर्वे घोषणा करता है। भारतीय जनतंत्र में इस शिक्षित मध्यम वर्ग की मुख्य भागीदारी एवं जिम्मेवारी होगी । भारत में शिक्षा, यातायात, स्वास्थ्य एवं मोबाईल, निवेश कर मुख्य केन्द्र विकास में योगदान देंगे शिक्षा द्वारा ही सूचना के अधिकार (RTI) का उपयोग होगा, जिससे भ्रष्टाचार प्रायः समाप्त हो जायेगा और "Electoral will vote the rogues out" चुनाव में भ्रष्ट बाहर हो जायेंगे, ऐसा अगले १८ वर्षों में शिक्षा द्वारा संभव होगा। हमारी वृद्धि दर ७.३% से ऊपर बनी रहेगी। शिक्षा के अलावा नारी की भागीदारी भारतीय समाज में हर क्षेत्र में बढ़ने लगी है। यह विकास की प्रक्रिया को गतिमान बनायेगी। विश्व व्यापार संघ की पेचिदिगियों को समझने के लिए तीक्ष्ण मस्तिष्क शिक्षा द्वारा ही संभव है ताकि आर्थिक विकास में अमीर राष्ट्र हमें गुमराह न कर दे। इस पर हमारी शिक्षण संस्थाओं में खुली बहस होनी चाहिये सही जानकारी होनी चाहिये । विकासशील राष्ट्र जीवन यापन के स्तर पर है और अपना एक तिहाई जनता का पेट भरने, तन ढकने की दिशा में प्रयासरत है। चिकित्सा शिक्षा द्वारा आर्थिक विकास की संभावना यथार्थ में परिवर्तित हो रही है। भारत में सरकारी एवं निजि स्वास्थ्य सेवाओं में लगभग साढ़े छः लाख डॉक्टर संलग्न है। माना कि एक हजार छः सौ छ्यासठ (१६६६) व्यक्तियों के पीछे भारत में एक डॉक्टर है, परन्तु अमेरिका यूरोप में ज्यादा डॉक्टर होते हुए भी भारत से इलाज दस गुणा महंगा है। भारत में हार्ट - हृदय का इलाज तुरन्त हो सकता है, अमेरिका में ३८५ व्यक्तियों पर एक डॉक्टर है, एम्स के ४०% डॉक्टर अमेरिका जा रहे हैं, वहां बस रहे हैं । इस प्रकार चिकित्सा, पर्यटन, ईलाज कराने से भारत को २.५% अरब डालर यानि १०० अरब रुपयों की आय होने की २०१५ तक संभावना है, जो ० अष्टदशी / 125 0 Page #3 -------------------------------------------------------------------------- ________________ इन्फरमेशन टेक्नोलॉजी कम्प्यूटर उद्योग से अधिक होगी। एम्स शिक्षा की क्षमता के कारण सात लाख भारतीय बिजनेस विश्व में श्रेष्ठता के क्षेत्र में बैंकॉक के बाद दूसरे स्थान का प्रोसेसिंग आऊट सोसिंग (BPO) में कार्यरत हैं, जो 17 अरब अस्पताल है। बीकानेर में भी निजी क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवायें मिलने डालर भारतीय अर्थव्यवस्था को दे रहे हैं। शशि थरूर अमेरिका लगी हैं। से यह अध्ययन कर कहते हैं कि "The skills we are able to अमेरिका में भारतीय शिक्षा का सम्मान हो रहा है। शशि market for the foreign employers, can be used for India." थरूर लिखते हैं : IItTians dominate what Americans call the "honour roll", Indian software Guru Nehru's शिक्षा का निजीकरण होता जा रहा है। इस प्रतिस्पर्धा के establishment of lits have produced many of the finest कारण शिक्षा श्रेष्ठ भी और महंगी भी हो रही है और भारत में minds in America's "Silicon Valley" and "Fortune - 1000 उच्च शिक्षा की मांग बढ़ रही है। रेडियोलोजी में एम०डी० की Corporation", in new-age industries software IT and Business Process Outsourcing (BPO) is the result of डिग्री प्राप्त करने के लिए 80 लाख से एक करोड़ रुपये में एक scientific education". विज्ञान शिक्षा ने भारत का सूचना सीट आक्शन होती है। हर साल 4 से 5 लाख ट्यूशन फीस प्रोद्योगिकी, आई०टी० बिजनेश प्रोसेस आउट सोरसिंग की नये अलग से भरनी पड़ती है। सीतालक्ष्मी पत्रकार खोज कर बताती युग की इंडस्ट्रीज में सम्मानजनक स्थान अमेरिका में दिलाया है। है कि “ओरथोपिडिक 80 लाख, पिडियाट्रिक्स 60-80 भारत विश्व की सर्वोत्तम "परफोरमिंग इकोनोमी" है। लाख, गाइनी, मेडिसिन, सर्जरी 50-60 लाख रुपये में सीटे आई० आई०टी० से शिक्षा अर्जन करने वाला अमेरिका में वही भारत में बिक रही हैं, क्योंकि शिक्षित डॉक्टरों की मांग आदर भाव Reverance पाता है, जो अमेरिका के / विश्वव्यापी है। विकास के इस ज्ञान क्रांति (Knowledge एम०आई०टी० (MIT) या कालटेक (Caltech) का पढ़ा लिखा ___Revolution) युग में सुशिक्षित चीफ एक्जीक्युटिव ऑफिसर नौजवान पाता है। (CEO), मंत्री से ज्यादा प्रभावी, विकास की दृष्टि से होता है। अतः हमें साईन्स और टेक्नोलॉजी पर सकल घरेलू मुकेश अंबानी 24.51 करोड़ रुपये वार्षिक वेतन पाकर देश उत्पाद (GDP) को एक प्रतिशत से बढ़ाकर अब दो प्रतिशत में प्रथम स्थान पर है। कलानिधि मारन 23.26 करोड़ वेतन व्यय करना होगा। Indian may be a "Brain Bank" to the लेकर द्वितीय स्थान पर है, जबकि अनिल अंबानी का 2.42 करोड़ वेतन प्राप्त कर १००वें में भी स्थान नहीं है। अब शिक्षण world, India is seen as a global managerial power संस्थायें निजी क्षेत्र में बढ़ेगी। apart from a global supplier of software, genericdrugs and auto components, ऐसा स्वामीनाथन अय्यर ने अमेरिका मानव जाति के विकास का इतिहास भाषा से प्रारंभ होता से लिखा है। यह पत्रकार की सोच है। भारत की जनसंख्या का है, न कि चट्टानों की कंदराओं के मन्दिर या पैरामिड की विशाल सात प्रतिशत यानि 7.7 करोड़ 18-24 वर्ष के 54 लाख बनावट से। यह भाषा भारत ने दी। प्रो० मेक्सूलर 1882 में युवक-युवतियां उच्च शिक्षा में प्रवेश पाते हैं, जबकि एशिया के केम्ब्रिज विश्वविद्यालय इंगलैण्ड में अपने पत्र का शीर्षक: अन्य देशों में 14 प्रतिशत कॉलेज शिक्षा में प्रवेश लेते हैं। हमें "भारत हमें क्या शिक्षा दे सकता है?'' प्रो० मूलर को उद्धृत उच्च शिक्षा में प्रवेश बढ़ाने के लिए वर्तमान में 350 करता हूं : "Education of human Race : Ancient विश्वविद्यालयों को बढ़ाकर 1500 करना होगा, ताकि भविष्य literature opens to us a chapter in what has been called the "Education of human race, to which we can मशक्षाणक-तकनाका ज्ञान का आवश्यकता का पूरा किया जा find noparallel anywhere else" शिक्षा के क्षेत्र में इतिहास. सकें। वर्तमान में 10-15 प्रतिशत छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त कर मानव इतिहास, विश्व इतिहास भारत ने प्राचीन ने वैदिक साहित्य धन्धे में लग पा रहे हैं। ऐसा नेशनल नॉलेज कमिशन का मत शिक्षा में प्रारंभ किया। अब २१वीं सदी में भी गतिमान है। है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, अहमदाबाद (IIM) को शिक्षण संस्थायें जहां भारत ही नहीं, मानव जाति के विकास का एक करोड़ का वेतन दिया जा रहा है। The job is totally प्रशिक्षण दिया जाता है। performance based and meritocratic in nature. अब गंगाशहर, बीकानेर (राज.) परिणाम पर आधारित वेतन दिया जाता है। 0 अष्टदशी / 1260