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________________ SC JOUW त्रा पडिब है। एगवणं महाघाररूवदितरीनाला पिसायं सु मिले पारातियं णु मित्राणं पनि बु६ ॥ १एगेच म्हे चित्रपरका इलमुनिपातित्राप मिळू दे ॥ २एगव महां चित्रविशेप रकगं । साकाइलग मिलापासिता पडे बुध|एग चाणमदा मग सहरयणाम मिले पासि पडा।४ एचप सायागोवय सि वर्णमदंषु मसरंसह तो समता मम सुमिव सागरं मी वी इसद् स्ालिया या हिंतिष्‍ महादिल करत |यसा जलती सुमितेम हे हरिवरुलिया तेलनिय ए विब परिवेढिये सुमिएएच महमंदारपद्यते मिंदरलिया एवमिहा तापम बुधे ॥ १8 जमणे सगर्वमहावीर एगेम घो तिसम सगवयामहावीर वैदित्रणां ताल पिसायं तिला मोहलिकम्मू इहेतियां सम संगव समसगर्वमहा साचावे मलेसगर्वमहावीएम जाव पड हरद्वाज संसमणे एगंम चित्रचिविव पूरकारी जावप डबु धावेवशेपावतशदास निदसे बुहार्तन समएसा सगवडीम घातं समल गवामय गोग्गसमाजाव जिस्म समसाम दाम दुग महाम जावपडितमा ए सम इविदेधम्मं पाम देशप्रागार मंत्रणा गारथ मावा जम्पसम समस्या लगाव महावीरस्मा खुशिहादावपस्मावती सवल वासी वा एमेत सावमा लीए जो इसी राजस समस डवाल माल गासावि संघात महावी
SR No.650038
Book TitleThanang Sutra
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages180
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript
File Size48 MB
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