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पत्रात पीलिए सरीरात समुचिमा पंचनिय हातेपुलागा बु उसे ऊ सीलिनिय है सि एग |स्प्रतियाधाचलिती । सास एयरका वड़िए निञ्चितावप्रवंधार से फासेःगु पुलाज लगमलगु अम्मशिकावैम वाचवनवरंग गुए। उहा गुलागा शिकार वाम एवाचव पंचविह नवरात्र चालायाला गप्प माल मात्रा गुल तोच गाहला गुऐ। सतिantat वाचवः पंताए शिका सा काशीपुल सावमाता गंधम माते गती। तिरियगत्तीमय गती दिव सिद्धिगतापिच दियम्राडा पंचबायापती पुढ नायरा पती वाचवातिरिश काईया गालामारा दाहिणवादी वा विदिसिः मलाये। नाम पेचामाल उसे पंच वश मे बरसानामपंच मे ऊसाल पंचविदे
वारुबइजी विसा सातागु सरुवी जीवासासा मालामात्र कालना याइना सिजाव गगनरय
जाव फासि दिय
नवरादध = पचवमा तानाश समाता गुणा दियाति दवापंच मुंडा छाईया याना लाएर बाटा श्रीजाला याला पंचविहीबाट वाक्का या जीवापाईला पड वातपिचडाल) चितावा काययति स्त्रिपुला थे। लिंग लाये हा हिपता लोग उसे लोग ब उसे से वुड बनवुड बना पतीना ऊसाला मए कुसीले चरित्रक्रसले लिंग कसा लिहा मुजम कसील नामे ये चाम नियोगवादापो
चा कोह खोडा माल मुंडा माया मुंडे लोह मुंडे | सिराहा aalaकाईया। उस लातसा पारणा उहालाए यजावप चिंदिया विदिय पंचा
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