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________________ शयन करणार वली केह शववि हा बप्पगारी नऊ विश्वकदतां घनघाव घाणा प्रकार जेदनापितल सदसहित इत्याधना कर दाशक दवा बई। पर स्कु प्पाय साप्प सत्ता कहती जीवन .रकनकपजाविव प्रसक्ताराताब तयावली केदवा इमे दिए प्रव्यादी सवासनस्त्रावरजीवते दनविषप्रतिनिविष्टेक देतां परमाशितद नशे राषिवशमषसहित । दिदाताकहा जीवनदातादषासूत्र कितपा दीतिमितिमिंगिल ऐोगस विविदजा तिमंडुक्कड विकसक मगरड विदगा द दिलाव ढियमंडय सीमा गार पुल यखख मारबऊप्पग्गरा । जनयर विहाणा काव्यपव मादी ऊरंग रुरुसरलमर संवर कर मम यपसय गोरो दिय्द्यग हर सरवग्रवा नरगव्य विगसियालकोल्मजारको लखाका सिरियेदलगावन्त्र कोकं तियागो कालमियम दिस विग्बगलदी वियोगातर बबल्लस डूलसीद विल्ल चनपाय विदा किया। वेमा दीकायकरगेासव राहिमवलिकनंदरदासफेच्यासिलियम दोरगे। सविहाणा कते याच
SR No.650035
Book TitlePrashna Vyakarana Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages518
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_prashnavyakaran
File Size218 MB
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