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लावतो
कहां जाएदार तघा विसगर स्मयदायगा। विषकरती कालकूटगरकद तां प्रवान प्रयोगिनी पावावंविधातगरक दिया। तदनादायक देगा दारात या उन एक हती ऊग्पा जिदांए हवा बल्नरकहगावातून इंदवा मिशंकरी निर्दयपणा पली वेगा क हती बाला दारातघा करकम नाकरदार। तथा दिवानातिन विशेषक पनाजीवघातकरशतकद । सूत्र । प्रमेय बदवे विलरकुजाती किते सकजवासबराब घर कायमुरडोडल डगतित्त्रियपक्कणिय कु लरक गोमसी दलपारसको वदविडनि लल पुलिंदा सामांबायाचा गंध हारका हलीय जल्न । रा सल] समल याय याया हलियाकांकण गमियलुव लवमासा सियार कवी गल्दा सिय खसरखा सियन हरमरदह मुठियारबमों बि लगकण ककयणार रुरुमरुग चिलाय विसय वा सीयपा व मूतिएगा। जल्य रवलयर सण प्फातार गख हवर समा जीवावद्याय जी वाली यस लिगोयन्ता अमुललेस परिणामापते यएवमादी करतिया तिवायकर व्याख्या। एन घामिल कुजाती क १८