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________________ 920 सलगी सर्व कर्म करशतमा किंकरा करतां जेयादिष्टकार्यकस्यानंतरवलीश ब] स्टे दिवस्पनं करते। मबीकर्म करते किंकरक दिय। पतला। तघावली जनपरिजन एनल सर्व घरमा दिल लोकी कसम वित्तिकदती कोरानातघाड म्हारी लायस्त्रिीश्म बसीरही बितेस्पाल एतला सर्वश्वेति तदका कर्मकराव घरनाका विप्रयुंजन । पदवाच नकद । तथा गदाईकहतांगर वाई कहतां वन खंड क्षेत्रधान्यवा विवानोलमि का खिलतू मिकहती इंवडी नवील मिवल्लर कहती क्षत्रविशेषातला मघलाई कहतीपानेक ताश्क धनकहतांगा ढाकी एमिया व्यानतिणि कारकिदती दवा देईबाल घास तापक्षले दिन कहता बेदनातकहताक्यत्र संग्रामिक् तिलयंचा शिसांडकहती साजन काटनी प्रतित्यादिकजेजय धिजपगरात हनई कार तिघावली ने कटकार गृहते रवाना यनादिकन मिति घान तू कहता वाड तेज करतालु। 45
SR No.650035
Book TitlePrashna Vyakarana Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages518
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_prashnavyakaran
File Size218 MB
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