SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 7
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ बावेका होयते वा व्यारा जो ॥ए ब वो बोलथयो||६|| तथा सिद्धांत मां दिखे गाया नगरी ना तथा त्राता थान राना' तधा सावधानगरी प्रभुषना श्रावक गाटालानाच्चधिकारदी से बालक श्रावको प्रती माघडावा तथान रावा तथा प्रतिष्टावा तथा पूजा तथाजुहारा कि हां इदिसतिनाथा/सअसर वाले मनु लोक मा हि एक डुपदीपू निदिमे बइते तोप्रतिमा कामदेव देवनानीव तथा ते सुजवा नो प्रस्ताव की होख सात अर्थतो नयन पर इंचालोएतोनयसं सारनाच्चारण कारदा सेब जेना परणता वेलाई पूजी बोलवली पुनरपी आषासवमा हिडुपदी प्रतीमाजीन था एप्रतीमा तो मोक्षनेंषातेदा सतीन थाने जे वास्तु कसा स्त्र तथा वादेकवीलास माहीती माघमा प्रतिमातरा ताजे हवडानवी प्रतीमातरावे । तथा घडावे ते घडाव मारपुब। जेमुकने प्रतिमा घडावी तथानराव वातथाप्र तिष्टानी वीधिकहा। तहनेंतेजेदवी बीधी कहे । तेहजो तातो ससा रहे सिदी से बझने की मतेली एकवीसंतीध्य रासंतिकरा ऊती गिदे सुजिएकवीस तीर्थ करनी प्रतीमा घरे मांडी माती करें पत्र णितिर्थकरनी प्रधरिनमा मिजो मोहनें घात होय तो त्रिशितिर्थंकर घरेमांम्या सांतिस्थिनकरें तिर्थकर तो वीवी से मोक्ष दाइक ब) जेणेंश्मक जे त्रणित्तिर्थकरघरेन (5) जेहना ने बेटा नऊवातहतला घरेन मां मिश एहका रणे संसारने हे तेंदी से बपण मो कनेषा ते दी सती न था| तथाजे को इन वाप्रतिमातरावें। तदन] रासत बानी तीर्थंकरनी रास संघाने मिलता वा से बजो मकर ताजे तिर्थकरसंघात । नाडि वेधिपमश तथा बिया बारूपमशनवयवक पडश तथाषडाष्टक पडश इत्पादिक cle & Persdr
SR No.650034
Book TitleUttaradhyayana Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages50
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_uttaradhyayan
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy