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________________ आराधना कही तथा बोधिक हो तथानी मतदृष्टि कही। तथा पुजा कही। एहवाघा बोलतथा धाउदाहरण कह्या ब सिलिया नशेत थपटमंत्र हिंसा जा सासदेवम एत्रासुरसतवती दी होता सरणगति पानी हानी वुईसमा हिंसंतिकात्ता 'कंती रईयचीरतीयासु यंगाति निश्खं निदिया विमुक्ता समता राहला महती बौदिबुद्धिनिस मिि विद्विहिती विनंदिन दिविलिशि विमुदित कलाएं मंगलं धमोन 'वासु तिरखा सिद्धिना सोणा सो केव ली चासावसमेयां साल संजमोनियसाल घरी यासंवरोयागुत्ती विवसावल रस तो यश्रायतराज यणांमध्य मानुप्रासासी वासा से प्रसन्नस्स वियामाद्या' चोरखा पवातीसुता याची मला' पनासायनीमल तर तएवप्न्तादि। लीना ययगुनी मी यापद्यवनामा लिदोई हिंसानगवती एएसानगवता श्रहिंसा/जासानीया पावसरगम खि पिवरायां शती सिया एं पिवसलिलं शरखुहिया । पिवन्सग समुद्दम झेव पोयवहणं चप्पयाचनासमय यं ६ विया एंव सदा बलं पाचवा मशेवसच गम गए तो विसिद्धत्तरायाश्रहिंसाजासापुढवा जलशीरंम रुय भाव फति पश्चाज हराय 9 जलचर थलचर रखेवर. १०' त्रसश्यावर २ सय खेमकारी शासराव तित्र्श्रहिं साएदवाजीवदया श्री वितरागजिनेश्वरें प्रधान कही एहवा वीतरागनामा निवाखपानेरेनथा जिहनी माध्यामत्तिखशंतेदया कहे बरंमए रहेगा नथीफा हा होयसेवी व्यारा तो ज्यो||एस तरम बोलथयो ।॥१५॥ तथा श्री वाणांशमादिश्मक जीवन वादे सच्चे संततंज हा नाम सञ्चेश्ववरणा सच्चे शद बसचे शतावसचे धाइहां के
SR No.650034
Book TitleUttaradhyayana Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages50
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_uttaradhyayan
File Size23 MB
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