SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 15
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पुजादेवता निहांषुर्विपञ्चा दिया सुहाएका मोहनें घातेन थी। जिमनगवती सूत्रम तसेव अधीकार लिया किदांश्चायरस विंहियाए सुहाएन क हैं। इकार प्रतिमा कोषका बिधी का राजुच्या कह्या बशते गवं महावारे तिणे वागता समसमा हावीरांनी खुतो चाया हिच्या हिग करे इश्ता जाव नमसा ता|एवं व्यासी/चलित्तेगसतेलो एपलाते संतेलो एचलित पलीत्तेपरं तेलो एजरायमर ऐोयासेजहानामए के तिगाव तिच्या गारंसिझियायमाशंसा जसे तथसंमेत्तवर्शाप्य नारोमुत्र गुरुए तंग हाय एतमंत ती एस मेनी द्वारा एसमा ऐप चापुरा एहि या एसुहाए। रवमा एनी सीसीएच्या युगामीयतापास वीसीए वामेवदेवा लुपीया।मझ विश्राया एएमे समेटेक तेषाम लुम्गामेधिजे वीसा सिएसमएब ऊमएमएस करंड गंसमालोमा सायामा नन्द्रामाएंगे खु ||हामा पिवासामा बाला| मागं चोरा/माणंदसामा एमंसगा|माणं वा हियापीतीयसंनिममनी वाश्यांवी विहा रोगा का परीसह वस गा/फुसता तिकटुाएसमे एसमाये पर लो यसंहियाए मुहाएमा एनी सिसाए आगामीयता एसवीस इहावेधकें श्री माहाविरने श्मंक । जिम को इक ग्रह स्वने घरिया ग लागी होश ते घर नोटणीसारवस्तु काटे। अनेंइम कहे एसारलंमार का ब्रोअतमुक पञ्चापुरा हिया ए| एत्र्यादि हो स्पेनें ऊंजेवार त्रलीनं बनतेमुकने पर लोग संहियाए सुहाए।एच्या दिहा स्/ हवेंजुयोनें लक्ष्मी का झामांनचारीवली मांत्रा
SR No.650034
Book TitleUttaradhyayana Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages50
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_uttaradhyayan
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy