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________________ wwwwwwww उत्तराध्य तवतो अन्न जी मीरले विमासवालागो । अजीवरनधीत्यानी निस्पृकारातिपूर्वी जोउं सालो हो स्पंक हौज | आज ते घेवरन था बावती तिस्सुं कारण ते तले जिला में तोवर की ताते व्यवप:36 करेवावस्था के तलाश्क में वाय पाडे माराचा मनोये व जमा इमाम जाताले गया। कालेये वरवलीकरीच्या स्प्रेतिवचन सोलली मनविष वादऊयनो घर थकौना सरस्यै। गांवबाहिर काम देवें जोर लो। मायामन् सुविधा से जेमे छीनी धूलि यो लिनो लवी वंचना कधिवक राज्यति माह एक माह नाम नान्यो। अनपाय नो छली निकेल इजऊ ए होम नसुंविमासे बीएसवैमा हात्यामार्ग जायें वेति नेक है। अक्षेरुषावरों सा लौ (माहात्मायेते हो मनचिंत्योजाला तिहां विश्रामला भौति पवलिकेत्तांतसगलो इक सौत्तिवारण बीसाध्य दिस दीयता लोनो अहिसंच असा लयायकिलग्नले अश्मत्ते कष्ण नमयरिनोगो / नवि लहेय आगो (मु चाय बऊ धन्न लोन यायातमाव लाइ सया बोलं तिमा हाघोरे जर मर महासमु देमि|२| लेानून वा तो अनेक वस्तूनों से चयकरौ तेहनलिमतिसंवय सिलता कहायें। जो मन में जो थाई एनली लचक थि। लोन लगे अनेक वस्तू उपरिममताच्या निलचक हायएकजोगि विवा जोम्पजे अन्नादिकते स्नाय लालगे अपार लोचनों वा सनोजन करें। एरुजणी कल्पनायरियो कहानष्टस्ती अश्वादिक वस्तु अनेंदि निष्टविहीन्यादिक वस्तुफऊंगी वस्त जेन्यल्पनिय गाढोलो नलगे वतनामे लवो वी लीननें पूर्बा नाम कहो अनि ऊध्न लोच ताकहीयें | लोनने जावे सदेवचितमे लु lates ३८
SR No.650033
Book TitleLokashaha ki Hundi
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages424
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript
File Size200 MB
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