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________________ मिला मात्रा पानवसेवे २६ नरु जिमनोजन करतेक देवें समन जीनजे लैद्मी सिकरी वा सीता १५ दिग्लनतादिकविदिकने मरावें पतिः शरीरमो ॥सराः दिया जाना लामियं वायं मुली आलो तु एनर से मिले । जिज्ञाद तेलिएन १९२ रसधते मी वृद्धि नैथे यापनासंप्रनानिहते होला रहिवासाने दिये प्रतिक दिवान जोजन न करें आहारत्त्यमहामुनिश्वर दिपूजा सा आदि स्त्रादिकेंप्रतिनिवाल माम रसहारनं लिया अबलहामा आहारा दिकल देती पुण्नल संतोषीको साथ समान व्यादि वदयता ही सहार करणारी से तय नवे ना कायादेो सिरानी दिकरहित बेजे लोकनायेंकरे जेलें जीव रूपविज्ञानि मानि 24 सम्मा ( मासा दिन पह१शियाइछ। अनीयविकं । दोस का आजति विहारे जिएं लगे कालमरण नो पर्याय प्रस्ताव लाने की कालरानो वसर माने पर रनिं वियरें तिलगाय आहार कारनो मान्मार्के मनुष्याबद एससी ऊ शरीर || सबको लू का घंटे अनुसनखशरीरमन नो संबदि परके विमुः म्हासतोकस्थिंविलयनजाऽकर्मभ्याविनाथ कास एविरुरिया । जव कालस्म यू१९) निदिऊआहार कालो जव डिएविड्ऊ एमा मनसाली संकास्यनिमान चतरागराग कर्मनादिक ज्ञानयां जरहित रहित शेषरहित लेकरी रहित मोहरू २‍ निममोनिरहंकारी वीथ एवं च्वे । संयत केवलं २१ मानतोच धकलो 113 पर इति २० मैले मात्र अगार माझ्या श्रे नाम क नहातोबन काया किमप्रा <G प्रक नासा सपरिनिबुमितिमि
SR No.650033
Book TitleLokashaha ki Hundi
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages424
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript
File Size200 MB
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